Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र पर रासायनिक उर्वरकों में कटौती का आरोप लगाया है. छत्तीसगढ़ में रबी सीजन के लिए खेती शुरू हो गई है. इसको लेकर किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार पर रासायनिक उर्वरकों में कटौती का आरोप लगाया है. छत्तीसगढ़ में रबी सीजन के लिए खेती शुरू हो गई है. लेकिन किसानों को रासायनिक उर्वरकों के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. राज्य सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार के सामने रासायनिक उर्वरकों की मांग रखी गई है लेकिन आपूर्ति नहीं हो रही.
- 7 लाख 50 हजार मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक की डिमांड
राज्य सरकार की तरफ से बताया गया है कि चालू रबी सीजन के लिए विभिन्न प्रकार के कुल 7 लाख 50 हजार मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक की डिमांड भारत सरकार से की गई है. लेकिन आज की स्थिति में छत्तीसगढ़ राज्य को मात्र 3 लाख 20 हजार मीट्रिक टन उर्वरक ही मिला है. इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र सरकार पर रासायनिक उर्वरकों की कटौती का आरोप लगाया है. छत्तीसगढ़ सरकार के रासायनिक उर्वरकों के डिमांड कोटे में 45 फीसद की कटौती भी केन्द्र सरकार ने कर दी है.
- 'केंद्र सरकार ने केवल 4 लाख 11 हजार मीट्रिक टन उर्वरक देने की स्वीकृति दी'
छत्तीसगढ़ सरकार ने बताया कि 7 लाख 50 हजार मीट्रिक टन की जगह केंद्र ने मात्र 4 लाख 11 हजार मीट्रिक टन उर्वरक देने की स्वीकृति दी है. इसके चलते राज्य में रासायनिक उर्वरकों की कमी की स्थिति निर्मित हो गई है. इसके बावजूद भी राज्य के किसानों को रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता के आधार पर सोसायटियों से खाद उपलब्ध कराई जा रही है.
वहीं छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य को अब तक यूरिया 1,17,522 मीट्रिक टन प्राप्त हुआ है जो राज्य की मांग का मात्र 34 फीसदी है. इसी तरह छत्तीसगढ़ राज्य को मांग का डीएपी मात्र 28 फीसदी, पोटाश 53 फीसदी, एनपीके कॉम्प्लेक्स 43 फीसदी प्राप्त हुआ है.
अपको बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य में इस साल रबी सीजन में 18 लाख 50 हजार हेक्टेयर में विभिन्न फसलों की बुआई का लक्ष्य निर्धारित है. अब तक 15 लाख 76 हजार हेक्टेयर में बोनी हो चुकी है. छत्तीसगढ़ शासन ने भारत सरकार को 7.50 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक की मांग भेजी गई थी लेकिन भारत सरकार ने 4 लाख 11 हजार मीट्रिक टन की स्वीकृति दी गई जो छत्तीसगढ़ राज्य की मांग का 55 फीसदी है. यह राज्य की मांग के अपेक्षा काफी कम है.
- राज्य सरकार की डिमांड
यूरिया 3.50 लाख मीट्रिक टन, डीएपी 2 लाख मीट्रिक टन, पोटाश 50 हजार मीट्रिक टन, एनपीके कॉम्प्लेक्स 75 हजार मीट्रिक टन और सुपर फास्फेट (राखड़) 75 हजार मीट्रिक टन है.
राज्य को चालू रबी सीजन के लिए सहकारिता क्षेत्र में केवल 93,214 मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक प्राप्त हुआ है जो पिछले वर्ष की की तुलना में 39 फीसदी कम है. यूरिया 31,500 मीट्रिक टन प्राप्त हुआ जो पिछले वर्ष की तुलना में 15 फीसदी कम है. डीएपी 19,434 मीट्रिक टन प्राप्त हुआ है जो पिछले वर्ष की तुलना में 68 फीसदी कम है. इस साल पोटाश मात्र 4,191 मीट्रिक टन मिला है जो पिछले वर्ष की तुलना में 74 फीसदी कम है. इसी तरह एनपीके की पिछले वर्ष की तुलना में कम आपूर्ति हुई है.