वायरसों की दुनिया में एक बड़ा बदलाव हो रहा है। कोरोना वायरस का एक रूप दूसरे को सत्ता सौंपने जा रहा है। यूनाइटेड किंगडम के केंट से आए कोविड-19 के इस नए रूप से एक्सपर्ट्स भी हैरान हैं। यूके के जेनेटिक सर्विलांस प्रोग्राम की हेड शैरान पीकॉक ने बीबीसी को बताया है कि वायरस का केंट वैरियंट 'पूरी दुनिया में छा जाएगा, इसकी पूरी संभावना है।' दूसरी तरफ, दक्षिण अफ्रीका में वायरस का एक और रूप वैक्सीनों और नैचरल इम्युनिटी को मात देते हुए कहर बरपा रहा है। कोविड वायरस के तीसरे रूप ने ब्राजील में फिर से केसे बढ़ाने शुरू कर दिए हैं जबकि माना जा रहा था कि ब्राजील पिछले साल गर्मियों में ही हर्ड इम्युनिटी हासिल कर चुका था। आइए आपको बताते हैं कि वायरस के इन नए रूपों के बारे में हम क्या जानते हैं।
इस वैरियंट को पिछले साल सितंबर में इंग्लैंड के केंट में डिटेक्ट किया गया था। इसमें 17 म्यूटेशंस हुए और इस वजह से इसे शुरू से ही बड़ा खतरा माना जा रहा था। नवंबर 2020 के बाद से यह जंगल में आग की तरह फैलना शुरू हुआ और अब यह दुनिया में सबसे कॉमन वैरियंट बनने की ओर है। यह वैरियंट सुपर स्प्रेडर है और जो म्यूटेशन इसके लिए जिम्मेदार है, वह दो और वैरियंट्स में मिला है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि म्यूटेशन की वजह से यह पिछले D614G वैरियंट से 50% ज्यादा संक्रामक हो गया है। केंट वैरियंट को अबतक दुनिया के कम से कम 50 देशों में पाया जा चुका है।
यह मरीजों में मौत की संभावना को 30 प्रतिशत बढ़ा देता है। मतलब अगर पिछले वायरस ने 50 से ज्यादा उम्र के 1,000 मरीजों में से 10 की जान ली थी, तो ये वाला 13 को मार सकता है। अबतक इसके खिलाफ वैक्सीन कारगर रह थी मगर इस महीने इसका एक और म्यूटेशन E484K मिला है। ये वही म्यूटेशन है जो साउथ अफ्रीका वाले वैरियंट में इम्युनिटी को भी धता बता देता है।