कोरोना को महामारी घोषित करने के लगभग एक साल बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आखिर मान लिया है कि कोरोना का वायरस हवा से भी फैल सकता है। WHO के अनुसार "वायरस खराब वेंटिलेशन या भीड़ वाली बंद जगहों में भी फैल सकता है, जहां लोग लंबे समय तक रहते हैं, क्योंकि एयरोसोल हवा में एक मीटर से भी ज्यादा दूर तक जा सकते हैं।" दरअसल, WHO ने कोरोना से जुड़े सवालों के जवाब अपडेट किए हैं। इनमें इस सवाल का जवाब भी शामिल है कि लोगों के बीच कोरोना कैसे फैलता है? माना जा रहा है कि इसके बाद कोरोना से बचने की नई गाइडलाइंस सामने आ सकती हैं। संगठन अब तक कहता आया था कि इस बात के पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि कोरोना हवा से भी फैलता है।
कोरोना फैलने के शुरुआती महीनों में तो WHO ने सभी को मास्क पहनने के बजाय केवल संक्रमितों को मास्क पहनने की सलाह दी थी। जुलाई 2020 में स्वतंत्र हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहा था कि कोरोना वायरस हवा से भी फैलता है। उन्होंने WHO से कोरोना को हवा से फैलने वाली महामारी घोषित करने को कहा था। तब WHO की ओर से यह तो कहा गया कि कोरोना वायरस हवा से फैलता है, इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता, मगर जल्द ही संगठन ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं। जुलाई 2020 की गाइडलाइन में WHO इस बात पर कायम रहा कि कोरोना किसी संक्रमित से संपर्क में आने, उसके मुंह या नाक से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स यानी वायरस युक्त बूंदों और फोमिटीज यानी कपड़े, बर्तन, फर्नीचर आदि पर मौजूद वायरस से फैलता है।