गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) के पूर्व चेयरमैन विपुल चौधरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने रविवार को बताया कि विपुल की गिरफ्तारी 14.8 करोड़ रुपये के गबन में शामिल होने के कथित आरोपों के तहत की गई है। इस रकम से मेहसाणा स्थित दूधसागर डेयरी कोऑपरेटिव कंपनी के कर्मचारियों को बोनस दिया जाना था। विपुल इस कंपनी का चेयरमैन रहा है।
कर्मचारियों के बोनस की रकम अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर की हजम
राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के एक अधिकारी ने बताया कि विपुल को शनिवार को गांधीनगर से गिरफ्तार किया गया। विपुल और दूधसागर की चेयरमैन आशाबेन ठाकोर, उपाध्यक्ष मोढजीभाई पटेल और प्रबंध निदेशक एनजे बख्शी के खिलाफ गांधीनगर में सीआईडी के पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। अधिकारी के मुताबिक, सभी को आईपीसी की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम तथा आपराधिक साजिश आदि मामलों में गिरफ्तार किया गया है।
इससे पहले विपुल को जीसीएमएमएफ और दूधसागर डेयरी के चेयरमैन पद से बर्खास्त कर दिया गया था। यह कार्रवाई 22.5 करोड़ रुपये का पशु चारा महाराष्ट्र सरकार को मुफ्त के दाम उपलब्ध करा देने के घोटाले में की गई थी। 2018 में एक न्यायाधिकरण ने विपुल को 22.5 करोड़ रुपये का 40 फीसदी या 9 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम दूधसागर डेयरी को अक्तूबर, 2019 तक देने का निर्देश दिया था।
सीआईडी का कहना है कि इस धनराशि को जमा करने के लिए विपुल व अन्य आरोपियों ने साजिश रचते हुए 30 अधिकारियों के साथ मिलकर अपने वित्तीय अधिकार का दुरुपयोग करते हुए दूधसागर डेयरी के 1932 कर्मचारियों का 14.8 करोड़ रुपये का बोनस हड़प कर लिया।