PM मोदी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करेंगे

PM मोदी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करेंगे

देश के कई राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है। यह बैठक दोपहर 12.30 बजे से शुरू होगी। माना जा रहा है कि PM मुख्यमंत्रियों से उनके राज्यों में कोरोना से बने हालात, वैक्सीनेशन की स्थिति और संक्रमण को काबू करने के लिए की जा रही कोशिशों पर फीडबैक ले सकते हैं।

पीएम मोदी ने देश में वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू होने से पहले जनवरी में भी मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की थी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस बार की बैठक में देश भर में सख्त पाबंदियों पर भी फैसला हो सकता है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि हमने मीटिंग से जुड़े हर पहलू के लिए तैयारी कर ली है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट एंड एडवाइजर डॉ. सुनीला गर्ग ने कहा कि इस समय वैक्सीनेशन कवरेज और कोरोना के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं। वैक्सीनेशन के लिए लोगों की झिझक को देखते हुए यह प्रोग्राम धीमा हो गया है। दूसरी बात देश में बढ़ते मामलों की संख्या दूसरी लहर शुरू होने की ओर इशारा कर रहे हैं।

बैठक में दोनों मसले उठाए जाने की संभावना है। रिव्यू के आधार पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम को बेहतर बनाने के लिए कुछ फैसले लिए जा सकते हैं। वैक्सीनेशन पर सरकार के सलाहकार डॉ. गजेंद्र सिंह का कहना है कि रिव्यू के बाद प्रधानमंत्री की ओर से कुछ निर्देश या सिफारिशों की उम्मीद की जाती है। इसमें ज्यादा वैक्सीनेशन सेंटर खोलने और वैक्सीन के लिए उम्र सीमा 60 से 50 साल करना है।

इन 5 बातों पर हो सकता है फैसला...

1. सभी के लिए वैक्सीनेशन की इजाजत

अभी देश में वैक्सीनेशन का दूसरा फेज चल रहा है। पहले फेज में लगभग 3 करोड़ हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स के वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा गया था। दूसरे फेज में इसका दायरा बढ़ाया गया और इसमें बुजुर्ग और 45 साल से ज्यादा उम्र के बीमार लोगों को भी शामिल किया गया। अनुमान लगाया जा रहा है कि आज होने वाली बैठक में सभी नागरिकों के वैक्सीनेशन का खाका तैयार किया जा सकता है।

ऐसा भी हो सकता है कि फ्रंटलाइन वर्कर में कुछ और कैटेगरी जैसे वकील, टीचर्स और जर्नलिस्ट को भी शामिल कर लिया जाए। देश में 16 जनवरी को वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी। अब तक 3.29 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इसके लिए मेडिकल सेंटरों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। हफ्ते के सातों दिन वैक्सीन लगाने पर भी सहमति बन सकती है।

2. वैक्सीनेशन में कॉर्पोरेट कंपनियों की भागीदारी

लॉकडाउन हटने के बाद कई जगह ऑफिस खोले जा रहे हैं। निजी कंपनियों के एम्प्लॉई कोरोना के खतरों के बीच ऑफिस आ-जा रहे हैं। संक्रमण के खतरे को देखते हुए कंपनियां भी पूरे स्टाफ को नहीं बुला रही हैं। ऐसे में उनके कामकाज पर असर पड़ रहा है। सरकार कंपनियों को उनके खर्च पर स्टाफ के वैक्सीनेशन की इजाजत दे सकती है।

हाल में मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ऐलान किया था कि वह अपने स्टाफ को खुद के खर्च पर वैक्सीन लगवाएगी। रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी ने स्टाफ को मेल भेजकर उनके परिवार को वैक्सीन लगवाने के लिए कहा था। इसी तर्ज पर देश की बड़ी कंपनियों से भी वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू करने को कहा जा सकता है। आईटी कंपनी एक्सेंचर और इन्फोसिस भी ऐसा ही ऐलान कर चुकी हैं।

3. सरकारी खर्च पर वैक्सीनेशन

मुख्यमंत्रियों के साथ पिछली बार हुई बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि पहले फेज में 3 करोड़ हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स के वैक्सीनेशन का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। 1 मार्च से शुरू हुए तीसरे फेज में आम लोगों को वैक्सीन लगाने की शुरुआत हुई है। अभी सरकारी हॉस्पिटल में फ्री में वैक्सीन लगाई जा रही है। प्राइवेट हॉस्पिटल में इसके लिए 250 रुपए लिए जा रहे हैं।

मीटिंग में वैक्सीन का खर्च उठाने में राज्यों को शामिल कर आगे भी सभी के लिए वैक्सीन फ्री की जा सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि वैक्सीनेशन का पूरा खर्च केंद्र सरकार ही वहन करे। इसके लिए इंतजाम करने की जिम्मेदारी राज्यों को दी जा सकती है।

4. ज्यादा प्रभावित राज्यों को वैक्सीन की सप्लाई बढ़ाना

इस समय महाराष्ट्र में कोरोना की वजह से हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। यहां लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। मंगलवार को भी राज्य में 17 हजार से ज्यादा मरीज मिले। इसी तरह पंजाब, केरल और कर्नाटक में भी हर रोज 1 हजार से ज्यादा नए मरीज मिल रहे हैं। दूसरी ओर कई राज्यों में रोज मिलने वाले केस 100 से कम हैं। ऐसे में ज्यादा प्रभावित राज्यों में उनकी जरूरत के हिसाब से वैक्सीन की सप्लाई बढ़ाने पर भी सहमति बन सकती है।

5. नियम तोड़ने वालों पर सख्ती और नई पाबंदियां

हेल्थ मिनिस्ट्री ने महाराष्ट्र में कोरोना के मामले बढ़ने के पीछे लोगों के लापरवाही भरे व्यवहार को भी जिम्मेदार बताया था। कोरोना के मामले कम होने और वैक्सीन आने के बाद लोगों में इसका डर खत्म होता दिखा था। नियमों में ढील मिलते ही कोरोना के केस फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। ऐसे में सरकार दोबारा सख्त पाबंदियों पर फैसला ले सकती है। इसमें मास्क न पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने पर जुर्माना लगाने की शुरुआत की जा सकती है।

कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। सरकार चुनावी रैलियों पर भी कुछ नियम बना सकती है। शादी या दूसरे भीड़भाड़ वाले समारोहों पर कुछ वक्त के लिए रोक लग सकती है। बाजार खुलने और बंद होने का समय और नाइट कर्फ्यू या जनता कर्फ्यू पर भी फैसला हो सकता है।

  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 595K
    DEATHS:7,508
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 539K
    DEATHS: 6,830
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 496K
    DEATHS: 6,328
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 428K
    DEATHS: 5,615
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 394K
    DEATHS: 5,267
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED:322K
    DEATHS: 4,581
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 294K
    DEATHS: 4,473
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 239 K
    DEATHS: 4,262
  • COVID-19
     INDIA
    DETECTED: 44.85 M
    DEATHS: 531.23 K
  • COVID
     GLOBAL
    DETECTED: 686.0 M
    DEATHS: 6.84 M