बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में हुए पेपर लीक को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। हाल ही में मैट्रिक परीक्षा का एक पेपर लीक हो गया था, जो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसके बाद बोर्ड ने इस पेपर को रद्द करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की फटकार के बाद बोर्ड ने यह फैसला लिया है।
पेपर लीक होने के बाद बीएसईबी ने परीक्षा रद्द कर दी है। बता दें कि शुक्रवार को सोशल साइंस विषय की परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक हो गया था और तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। प्रश्न पत्र के वायरल होते ही विभाग में हंगामा मच गया।
शुरुआत में बोर्ड की ओर से मीडिया के सामने अपना पक्ष नहीं रखा गया था लेकिन बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीएसईबी के अध्यक्ष आनंद किशोक को खूब फटकार लगाई। फटकार के बाद बोर्ड ने पहली बार परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया।
बोर्ड ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि प्रश्न पत्र क्रमांक 111-0470581 किसी व्यक्ति के व्हाट्सऐप से वायरल हुआ था। जब यह बात सामने आई तो बीएसईबी ने इसकी जांच कराई। जांच में पता चला कि जमुई जिले में प्रश्न पत्र भेजा गया था, जिसकी पड़ताल जमुई के जिलाधिकारी और एसपी ने की।
जांच में पता चला कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के झाझा शाखा से प्रश्न पत्र निकाला गया है और फोटो खींचकर इसे वायरल कर दिया गया। स्टेट बैंक के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार किए गए बैंककर्मियों में विकास कुमार, शशिकांत चौधरी और अजीत कुमार शामिल हैं।
जांच में पता चला है कि एसबीआई कर्मी विकास के संबंधी परीक्षा दे रहे थे। विकास कुमार ने पेपर लीक कर अपने संबंधी को व्हाट्सऐप पर भेजा था। इसके बाद बोर्ड ने पहली पाली की सोशल साइंस की परीक्षा को रद्द कर दिया। अब ये परीक्षा आठ मार्च को होगी।