मॉस्को में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक हुई है। एक तरफ चीन भारत से बात कर रहा है, दूसरी तरफ उसकी सेना पेंगोंग क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ा रही है। भारतीय सेना ने अब वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीनी गड़बड़ी को देखते हुए 155 मिमी की होवित्जर तोप तैनात करना शुरू कर दिया है।
भारतीय सैनिक अब फिंगर 4 पर पहुंच गए हैं। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जवानों का वर्चस्व रहा है। तनाव के बीच एलएसी की स्थिति बदल गई है। पूर्वी लद्दाख के विभिन्न क्षेत्रों में हिंदुस्तान के सैनिकों ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। पहाड़ युद्ध के माहिर माने जाने वाले सैनिक चीन को सबक सिखाने के लिए तैयार हैं।
पेंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों में चीन की बेचैनी बढ़ गई है। भले ही चीन ने अपने जवानों, वाहनों और हथियारों को तैनात कर दिया हो, लेकिन इन क्षेत्रों में भारत की ऊंचाइयों पर पसीना इसके पसीने की वजह से मजबूत हो रहा है। भारतीय सैनिक ऊंचाइयों पर मौजूद हैं और वे हर समय चीनी सेना की कार्रवाई पर नजर रख रहे हैं।
बोफोर्स तोप को तैनात करना भारतीय सेना के लिए एक बड़ा कदम है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब चीन घुसपैठ की अपनी कोशिशों से नहीं बच रहा है। इन दिनों लगभग 40 हजार भारतीय सैनिक एलएसी पर तैनात हैं। वायु सेना भी तैयार है और अब हॉवित्जर तोपें भी सरहद पर भेजी जा रही हैं। अगर चीन यहां तक कि सबसे छोटी गलती करता है, तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।