फ्रांस, रूस और ब्रिटेन के बाद अमेरिका ने भी मुसीबत की घड़ी में भारत की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है। भारतीय समयानुसार, रविवार की देर रात राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि महामारी की शुरुआत में भारत ने हमारे अस्पतालों में सहायता भेजी थी। अब जबकि उसे जरूरत है, तो हम मदद के लिए तैयार खड़े हैं। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि हम भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ताकि कोरोना की इस लहर के दौरान जल्दी से जल्दी मदद और साजो-सामान भेजा जा सके।
इससे पहले, US ने वैक्सीन के कच्चे माल पर लगी रोक हटाते हुए भारत को तुरंत रॉ मटेरियल सप्लाई करने का फैसला लिया है। दुनिया की सबसे बड़ी दवा निर्माता कंपनी यानी पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के CEO अदार पूनावाला ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से कहा था कि अगर हम कोरोना के खिलाफ वाकई गंभीर हैं तो वे कच्चे माल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दें।
भारत में बिगड़ते हालात पर अमेरिका की चुप्पी पर सवाल उठ रहे थे। इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जेक सुलिवन ने रविवार को भारत के NSA अजीत डोवाल से फोन पर बात की। उन्होंने भारत में बढ़ते कोरोना केस पर चिंता जाहिर की। सुलिवन ने कहा कि भारत में बन रही कोवीशील्ड वैक्सीन के लिए जिस कच्चे माल की जरूरत होगी, अमेरिका उसे तुरंत मुहैया कराएगा। इसके अलावा अमेरिका की तरफ से भारत को रेपिड टेस्ट किट, वेंटिलेटर्स और PPE किट भी उपलब्ध कराई जाएगी।