राज ठाकरे ने रविवार को औरंगाबाद में जनसभा में कहा, हमने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए 3 मई तक के लिए अल्टीमेटम दिया था. लेकिन 3 मई को ईद है. मैं इस उत्सव को खराब करना नहीं चाहता. हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह हमारी मांग पूरी करें, नहीं तो 4 मई के बाद हम किसी की नहीं सुनेंगे. इस पर ओवैसी की पार्टी के सांसद ने पलटवार किया है.
यूपी के बाद अब महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर का मुद्दा गरमा गया है. दरअसल, मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने एक बार फिर मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारने को लेकर अल्टीमेटम दिया है. इस पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के सांसद ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा, हमारे मुंह में भी जुबान है, राज ठाकरे जिस अंदाज में बोलेंगे, हम भी इसका जवाब उसी अंदाज में दे सकते हैं.
दरअसल, राज ठाकरे ने रविवार को औरंगाबाद में जनसभा को संबोधित किया था. रैली में राज ठाकरे ने कहा था कि हमने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए 3 मई तक के लिए अल्टीमेटम दिया था. लेकिन 3 मई को ईद है. मैं इस उत्सव को खराब करना नहीं चाहता. हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह हमारी मांग पूरी करे, नहीं तो 4 मई के बाद हम किसी की नहीं सुनेंगे. मनसे प्रमुख बोले कि अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो हम दोगुनी ताकत से हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. हमारे अनुरोध को नहीं समझा गया तो हम अपने तरीके से निपटेंगे.
- राज ठाकरे ने रैली के लिए औरंगाबाद ही क्यों चुना ?
इम्तियाज जलील ने पूछा, राज ठाकरे ने सभा के लिए औरंगाबाद ही क्यों चुना है? उन्होंने कहा, अब इन दिनों हर राजनीतिक पार्टी यह सोच रही है कि अपनी राजनीति चमकाने के लिए देश को जलाना होगा. जलील ने कहा, राज ठाकरे का वर्चस्व कम हो रहा है. आपकी सभा में लोग आएंगे और सुनकर चले जाएंगे लेकिन आज की युवा पीढ़ी जो है वह बहुत ज्यादा होशियार हो चुकी है. उसे अपनी नौकरी, कारोबार और परिवार की चिंता है.
औरंगाबाद से AIMIM सांसद इम्तियाज जलील ने राज ठाकरे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, राज ठाकरे अगर चाहते तो महंगाई पर बोलते, बेरोजगारी पर कुछ कहते, पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों पर बोलते, लेकिन नहीं इन्हें तो सिर्फ लाउडस्पीकर पर ही बोलना है. जलील ने 4 मई तक के अल्टीमेटम पर कहा, यह मसला लॉ एंड ऑर्डर का है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर जो फैसला दिया था, उसे देखकर सरकार फैसला ले.
इम्तियाज जलील ने कहा कि हमारे मुंह में भी जुबान है, राज ठाकरे जिस अंदाज में बोलेंगे, हम भी इसका जवाब उसी अंदाज में दे सकते हैं. सांसद जलील ने बताया हमने राज ठाकरे को इफ्तार की दावत दी थी ताकि भाईचारा बन सके लेकिन राज ठाकरे ने पहले से ही सोच लिया था कि वह औरंगाबाद में सभा के दौरान भड़काऊ भाषण देंगे इसलिए राज ठाकरे ने इस सभा में बढ़ती हुई महंगाई, बेरोजगारी पर एक भी बात नहीं की और उन्होंने सिर्फ भड़काऊ भाषण दिया.
उन्होंने कहा, आजकल नेता महापुरुषों के नाम का इस्तेमाल करके अपनी राजनीति चमका रहे हैं. राज ठाकरे जैसे लोगों को छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है और बातें बड़ी बड़ी करते हैं. इन लोगों को मैं शिवाजी महाराज के बारे मे लिखी किताब दूंगा ताकि वह शिवाजी महाराज के विचारों को समझ सके, ये लोग छत्रपति शिवाजी महाराज के पैरों की धूल भी नहीं हैं.