उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी के दिग्गज नेता अपनी सियासी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अपने पुत्र-पुत्रियों को राजनीतिक रण में उतारने की कवायद में हैं, तो कई अपने रिश्तेदारों के लिए टिकट मांग रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मंत्री ही नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री से लेकर सांसद और राज्यपाल तक अपने बेटे-बेटियों के टिकट के लिए मशक्कत कर रहे हैं. हालांकि बीजेपी नेतृत्व संकेत दे रहा है कि इस बार किसी बेटे-बेटी या रिश्तेदार को टिकट नहीं दिया जाएगा. जो लोग पहले से विधायक रहे हैं या चुनाव लड़ चुके हैं उन्हें इससे छूट दी गई है. ऐसे में सवाल ये है कि बीजेपी नेतृत्व इस मुद्दे पर अपना रुख नरम करेगा या फिर इन दिग्गज नेताओं के राजनीतिक वारिसों के हिस्से में इंतजार ही आएगा.
बीजेपी के कई सांसद हैं, जो अपनी सियासी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए बेटे-बेटियों को चुनावी मैदान में उतारना चाहते हैं. प्रयागराज से सांसद रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ कैंट सीट से अपने बेटे मयंक जोशी को चुनाव लड़ाना चाहती हैं. रीता बहुगुणा जोशी इस सीट से दो बार विधायक रह चुकी हैं और अब वो इस सीट से अपने बेटे को विधायक बनाना चाहती हैं.
सलेमपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद रवींद्र कुशवाहा अपने छोटे भाई जयनाथ कुशवाहा को भाटपाररानी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाने के लिए दावेदारी कर रहे हैं. 2017 में बीजेपी के टिकट पर जयनाथ कुशवाहा चुनाव लड़े थे, लेकिन सपा के आशुतोष उपाध्याय ने हरा दिया था. बीजेपी अगर कुशवाहा को टिकट देती है तो एक फिर से पिछले चुनाव की तरह यहां मुकाबला होगा.
कानपुर नगर से बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी अपने बेटे अनूप पचौरी के लिए कानपुर की गोविंदनगर सीट से टिकट की मांग कर रहे हैं. ब्राह्मण बहुल इस सीट पर सत्यदेव पचौरी दो बार विधायक रहे हैं, लेकिन 2019 में उनके सांसद बनने के बाद सुरेंद्र मैथानी बीजेपी के टिकट पर विधायक बने हैं. ऐसे में अब वो अपने बेटे को गोविंदनगर सीट से चुनाव लड़ाकर विधायक बनाना चाहते हैं.
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से सांसद हैं और उनके बड़े बेटे पंकज सिंह नोएडा से विधायक हैं और दूसरी बार पार्टी ने फिर से उनको टिकट दिया है. इसके अलावा राजनाथ सिंह के छोटे बेटे नीरज सिंह भी लखनऊ कैंट और उत्तरी विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं.
वहीं, लखनऊ की मोहनलालगंज सीट से सांसद व केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर की पत्नी जय देवी मलिहाबाद से बीजेपी की विधायक हैं. इस बार कौशल किशोर के बेटे विकास किशोर महिलाबाद और दूसरे बेटे प्रभात किशोर सीतापुर की सिधौली सीट से चुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहे हैं. ऐसे ही आगरा से सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल की पत्नी टूंडला से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. एसपी बघेल खुद टूंडला से विधायक रहे हैं.
योगी सरकार के कई मंत्री भी अपने बेटों को चुनाव लड़ने की तैयारी में है. यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की पथरदेवा सीट से उनके बेटे सुब्रत शाही चुनाव लड़ने की तैयारी में है, अभी मौजूदा समय में वो ब्लॉक प्रमुख हैं. सूर्य प्रताप शाही के बेटे को पथरदेवा से टिकट मिलता है तो वो देवरिया सदर से चुनाव लड़ने की जुगत में है. ऐसे ही रुद्रपुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक और मंत्री जयप्रकाश निषाद भी अपने बेटे को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन निषाद पार्टी भी इस सीट को मांग रही है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के बेटे दिलीप दीक्षित उन्नाव की पुरवा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. इस सीट पर बसपा के बागी अनिल सिंह विधायक हैं और वो बीजेपी के साथ आ गए हैं. ऐसे में पार्टी के सामने दिक्कत है कि किसे टिकट दें. योगी सरकार में वित्त मंत्री रहे राजेश अग्रवाल ने 75 वर्ष की आयु के चलते मंत्री पद छोड़ दिया था. ऐसे में अब वो बरेली कैंट सीट से अपने बेटे आशीष अग्रवाल को चुनाव लड़ाना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने बाकायदा दावेदारी भी कर रखी है.