Corona: अब वैक्सीन की सेकंड डोज के 6 महीने बाद ही लग सकेगी बूस्टर डोज... बड़े बदलाव की तैयारी

Corona: अब वैक्सीन की सेकंड डोज के 6 महीने बाद ही लग सकेगी बूस्टर डोज... बड़े बदलाव की तैयारी

Corona vaccine in India: देश में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. दिल्ली की स्थिति चिंताजनक है. इन सबके बीच केंद्र सरकार ने नए बदलाव की तैयारी की है. दरअसल, सरकार जल्द ही कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच गैप को 9 महीने से घटाकर 6 महीने कर सकती है.

देश में कोरोना एक बार फिर पैर पसारने लगा है. तेजी से बढ़ते कोरोना केसों के बीच सरकार जल्द ही वैक्सीन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच के गैप को कम करके 6 महीने कर सकती है. अभी कोरोना की दूसरी डोज के 9 महीने बाद ही बूस्टर डोज लगवाई जा सकती है. 

एजेंसी के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि नेशनल इम्यूनाइजेशन टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप (NTAGI) की 29 अप्रैल को बैठक होनी है. इस बैठक में एडवाइजरी ग्रुप दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच के समय को कम करने की सिफारिश कर सकता है. 

- 6 महीने के बाद बूस्टर डोज लगाने से इम्यून रिस्पॉन्स बढ़ जाता है- ICMR

इससे पहले ICMR और अन्य इंटरनेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूशन ने सुझाव दिया है कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के 6 महीने बाद एंटीबॉडी स्तर कम हो जाता है. ऐसे में इस वक्त बूस्टर डोज देकर इम्यून रिस्पॉन्स बढ़ जाता है. अभी 18 साल की उम्र से ऊपर के लोगों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज के 9 महीने बाद बूस्टर डोज लगवाने की मंजूरी है. 

इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि देश और विदेश में वैज्ञानिकों के सुझाव और स्टडी के नतीजों के आधार पर जल्द कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच समय अंतराल 9 महीने से घटाकर 6 महीने का किया जा सकता है. हालांकि, अंतिम फैसला  NTAGI के सुझाव पर लिया जाएगा. NTAGI की शुक्रवार को अहम बैठक होनी है. 

कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज संक्रमण को काबू करने में काफी असरदार साबित हुई है. 29 मार्च को राज्यसभा में स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार ने बताया था कि कोवैक्सीन की बूस्टर डोज के प्रभाव को जांचने के लिए ICMR ने एक स्टडी की थी, जिसमें तीसरी डोज के बाद कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बढ़ने की बात सामने आई थी.

उन्होंने बताया था कि एस्ट्राजैनेका या कोविशील्ड की तीसरी डोज को लेकर जो अंतरराष्ट्रीय डेटा सामने आया है, उसके मुताबिक इस वैक्सीन की तीसरी डोज के बाद एंटीबॉडी में 3 से 4 गुना की बढ़ोतरी हुई है.

भारत में 10 जनवरी को हेल्थ केयर, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से ऊपर के बीमार व्यक्तियों को बूस्टर डोज की अनुमति दी थी. सरकार ने अप्रैल में 18 साल से ऊपर के सभी व्यक्तियों को बूस्टर डोज की अनुमति दे दी है. 


स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक देश में  18-59 साल के 5,17,547 लोगों को कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज लग चुका है. इसके अलावा 4736567 हेल्थ वर्कर्स, 7447184 फ्रंट लाइन वर्कर्स और 60 साल की उम्र से ऊपर के 14,545,595 लोगों को वैक्सीन की बूस्टर डोज लग चुकी है. 









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