चीन का मानव रहित अंतरिक्ष यान मंगलवार को चंद्र सतह पर उतरा। स्टेट मीडिया ऑफ चाइना की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह वाहन चंद्र सतह से नमूने एकत्र करेगा। चीन ने 24 नवंबर को अपना 'चांग'ए -5' मिशन शुरू किया। इसका नाम चंद्रमा की पौराणिक चीनी देवी के नाम पर रखा गया है।
मिशन का उद्देश्य वैज्ञानिकों को चंद्रमा के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद करना है। इसके लिए यान चंद्रमा से नमूने एकत्र करेगा। इसके बाद यह पृथ्वी पर आएगा। इस पूरे मिशन में लगभग 20 दिन लगेंगे।
दो किलोग्राम का नमूना लेकर आएंगे
अंतरिक्ष यान चंद्रमा के विशाल लावा क्षेत्र से ओशनस प्रोसेलरम या 'ओशन ऑफ स्ट्रॉम्स' से दो किलोग्राम नमूने एकत्र करने का प्रयास करेगा, जहां पहले इसका प्रयास नहीं किया गया था। पिछले 40 वर्षों में अंतरिक्ष से किसी देश के नमूने लाने का यह पहला प्रयास है। अगर मिशन सफल रहा तो चीन चांद से नमूने लाने वाला दुनिया का तीसरा देश बन जाएगा। इससे पहले, अमेरिका और सोवियत संघ ने चंद्रमा के नमूने लाने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा था।
'Chang'e-5' कैसे करेगा काम
यह ऑर्बिटर, लैंडर, आरोही और रिटर्नर से बना है। यह अंतरिक्ष यान अपने एक लैंडर को उतारेगा जब वह चंद्रमा की परिक्रमा करेगा। लैंडर चंद्रमा की जमीन में खुदाई करके मिट्टी और चट्टान को खोद देगा। फिर इस सैंपल को लेंगे और Asender में जाएंगे। एस्केन्डर नमूने लेगा और चंद्र सतह से उड़कर अंतरिक्ष में चक्कर लगाने वाले उसके मुख्य वाहन में शामिल हो जाएगा। चीन का मुख्य अंतरिक्ष यान एक कैप्सूल में चंद्र सतह के नमूने रखेगा और फिर इसे पृथ्वी पर भेज देगा। वाहन 187 फीट लंबा है और इसका वजन 870 टन है।
चीन से पहले, अंतरिक्ष यात्रियों को अमेरिका और सोवियत संघ के मिशनों में भेजा गया था, लेकिन चीन का मिशन कई मायनों में चुनौतीपूर्ण है। चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के डिप्टी डायरेक्टर पे झोउ का कहना है कि हमारा मिशन थोड़ा जटिल है क्योंकि इसमें कोई इंसान शामिल नहीं हैं। यह पूरी तरह से तकनीक पर आधारित है। हमारा अंतरिक्ष यान रोबोट है, जो अंतरिक्ष से नमूने लाएगा। यह मिशन चीन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को आगे बढ़ाएगा। इससे देश में अंतरिक्ष से जुड़ी नई चीजों को सामने लाने में मदद मिलेगी।