दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो मंहीने से भी ज्यादा समय से किसानों का आंदोलन जारी है। इसी बीच हरियाणा और दिल्ली के बीच टीकरी बॉर्डर पर शुक्रवार को आंदोलनकारियों ने एक हवलदार की पिटाई कर दी। घटना के समय पुलिसकर्मी लापता किसानों का पोस्टर लगाने के लिए बॉर्डर पर पहुंचे थे। इस मामले पर पुलिस अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है।
नांगलोई थाने में तैनात हवलदार जितेंद्र राणा शुक्रवार को टीकरी बॉर्डर पर पहुंचे थे। वह वहां पर उन किसानों का पोस्टर लगाने के लिए गए थे जो कथित तौर पर 26 जनवरी को हुई ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद से लापता हैं। पुलिसकर्मी को अपनी ओर आता देख आंदोलनकारी किसान मोर्चा के मंच के पास आ गए थे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घायल पुलिसकर्मी को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले में एक एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है। यह घटना शुक्रवार शाम करीब साढ़े छह बजे धघटित हुई। उस समय पुलिकर्मी अपनी ड्रेस में नहीं थे और उन्होंने सादे कपड़े पहने हुए थे।
मंच के पास मौजूद किसानों को उनके हाव भाव संदिग्ध लगे तो वे उनसे पूछताछ करने लगे। इससे पुलिसकर्मी सहम गए। इससे किसानों का शक और बढ़ गया। उन्होंने सोचा कि उक्त व्यक्ति बदमाश है और किसान आंदोलन में खलल डालने के लिए आया है।
युवा किसानों ने पुलिसकर्मी को पकड़ लिया और उसके साथ हाथापाई करने लगे। जिससे हवलदार जितेंद्र के सिर में चोट आईं। नजदीक ही बैरिकेड के पास मौजूद दिल्ली पुलिस के दूसरे कर्मचारियों को जानकारी मिली तो उन्होंने किसानों को समझाकर अपने साथी को छुड़वाया और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया।