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पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर के बाद अब चीन ने चुमार इलाके में घुसपैठ करने की नाकाम कोशिश की। भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को हुई इस घुसपैठ को उकसावे की कार्रवाई बताते हुए चीन को अपने सैनिकों को काबू में रखने की नसीहत दी। वहीं, हालात सामान्य करने के लिए दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच बातचीत मंगलवार को भी जारी रही।
सूत्रों ने बताया, चीनी सेना के करीब सात से आठ भारी वाहन अपने चेपुजी कैंप से एलएसी पर भारतीय इलाके की ओर ओर निकले। जवाबी कार्रवाई में भारतीय सुरक्षा बलों ने भी किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए एहतियातन तैनाती कर दी। भारत की तरफ सैनिकों के साथ वाहनों को देखने के बाद चीनी वाहनों का काफिला अपने ठिकानों की ओर लौट गया।
ड्रैगन की इस हरकत पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने चीन को कूटनीतिक और सैन्य स्तर की बातचीत में बनी सहमति का सम्मान करने को कहा है।
उन्होंने कहा, तीन महीने में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों और विशेष प्रतिनिधियों के बीच दो-दो बार बात हुई। इस दौरान दोनों पक्ष आक्रामक कार्रवाई से बचते हुए शांति बहाली करने पर राजी थे। इसके बावजूद चीन ने 29 व 30 अगस्त को यथास्थिति बदलने का प्रयास किया।
यहां तक कि 31 अगस्त को भी ऐसी ही हरकत की। भारत ने इनका माकूल जवाब दिया। हमने अपनी क्षेत्रीय अखंडता और हितों की रक्षा के लिए ठोस उपाय किए। उन्होंने कहा कि भारत को उम्मीद है कि चीन ईमानदारी के साथ शांति बहाली के लिए काम करेगा।