उत्तर प्रदेश के हाथरस में सामूहिक बलात्कार और फिर दलित महिला की मौत से पूरा देश गुस्से में है। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन सामूहिक बलात्कार को गलत बताया। अब देश में दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग हो रही है, लेकिन इस बीच स्थानीय प्रशासन द्वारा कई सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। जिले के डीएम का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह पीड़ित परिवार को धमकाते नजर आ रहे हैं।
एसडीएम सदर प्रेम प्रकाश मीणा ने अब मीडिया और अन्य अधिकारियों को हाथरस गांव में घुसने से रोकने की बात कबूल कर ली है। उन्होंने कहा है कि बिटिया के गांव के अंदर एसआईटी की जांच चल रही है। इस वजह से, मीडिया कर्मियों और अन्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमंडलों को जाने की अनुमति नहीं है।
टीएमसी नेता ममता ठाकुर ने कहा, "हम उसके परिवार से मिलने जा रहे थे, लेकिन हमें अनुमति नहीं दी गई। जब हमने जोर दिया, तो महिला पुलिसकर्मियों ने हमारा ब्लाउज उतार दिया और हमारे सांसद प्रतिमा मंडल पर लाठीचार्ज कर दिया। वह गिर गई। पुरुष अधिकारियों ने उसे छुआ। । संकोचशील।'
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाथरस की घटना पर कहा, "हाथरस की घटना बहुत दर्दनाक है और पीड़ित परिवार के साथ सरकार का आचरण ठीक नहीं है।" हम एक लोकतंत्र में रह रहे हैं और सत्ता में बैठे लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि वे इस देश के मालिक नहीं बल्कि 'सेवक' हैं।