बॉम्बे हाईकोर्ट में मंगलवार को महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई। परमबीर ने गृह मंत्री देशमुख पर हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूली का आरोप लगाया है। कोर्ट इस मामले की बुधवार को फिर से सुनवाई करेगी।
इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार देर शाम इस मामले की जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल की अध्यक्षता में एक सदस्यीय हाई लेवल कमेटी का गठन किया। यह कमेटी अगले 6 महीने में राज्य सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के ज्वॉइंट सेक्रेटरी सोमनाथ नामदेव बगुले की ओर से यह आदेश जारी किया गया।
क्या लिखा है आदेश में?
जारी आदेश में बताया गया है कि परमबीर सिंह द्वारा 20 मार्च के अपने पत्र में लगाए गए आरोपों की जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल की अध्यक्षता में एक सदस्यीय हाई लेवल जांच कमेटी की नियुक्ति की जा रही है।
कमेटी इन दो मामलों की जांच करेगी
राज्य सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी मुख्य रूप से दो मामलों की जांच करेगी। पहला, परमबीर सिंह के पत्र में लगाए गए आरोपों के अनुसार उन्हें ये सबूत कब और कैसे मिले कि गृह मंत्री अनिल देशमुख या उनके ऑफिस में किसी अधिकारी द्वारा कोई अपराध किया गया है? दूसरा, जांच कमेटी असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर संजय पाटिल और सचिन वझे द्वारा परमबीर सिंह के साथ किए चैट की जांच करेगी और यह देखेगी कि मंत्री के खिलाफ कोई एंटी करप्शन की जांच या अन्य अपराध दर्ज करने का मामला बनता है या नहीं?
हाईकोर्ट में आज दो मामले पहुंचे
बॉम्बे हाईकोर्ट (HC) में मंगलवार को गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दो याचिकाएं सुनवाई के लिए पहुंचीं। पहली याचिका परमबीर सिंह ने दायर की है। उन्होंने देशमुख पर लगाए गए 100 करोड़ रुपए की वसूली के आरोप की CBI से जांच कराने की मांग की है। वहीं, मुंबई की वकील डॉ. जयश्री लक्ष्मणराव पाटिल ने भी एक जनहित याचिका (PIL) दायर कर मामले की जांच NIA के साथ ED से भी कराने की मांग की है।
सीनियर एडवोकेट विक्रम नानकानी ने परमबीर की याचिका चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता के सामने रखी। चीफ जस्टिस ने याचिका को स्वीकार कर सुनवाई के लिए बुधवार का दिन तय कर दिया है। परमबीर ने अपनी याचिका में ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाया है। उन्होंने कोर्ट से अपील की है कि देशमुख के घर के CCTV फुटेज को सुरक्षित रखने का आदेश दिया जाए, इससे पहले कि उसे नष्ट कर दिया जाए।
PIL लगाने वाली वकील को कोर्ट की फटकार
मुंबई की वकील डॉ. जयश्री लक्ष्मणराव पाटिल की PIL पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एसएस शिंदे की बेंच ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा, 'हमारा विचार है कि इस तरह की याचिकाएं सस्ते प्रचार के लिए दायर की जाती हैं। आप कहती हैं कि आप अपराधशास्त्र (Criminology) में डॉक्टरेट हैं, लेकिन आप के द्वारा ड्राफ्ट किया एक भी पैराग्राफ हमें दिखाए। आप की पूरी याचिका एक पत्र (परमबीर सिंह का CM को लिखा पत्र) से निकाले पैराग्राफ पर आधारित है। इसमें आपकी ओरिजिनल डिमांड कहां हैं? आप के पॉइंट्स कहां हैं?' इस पर एडवोकेट पाटिल ने कहा कि वह पहले पुलिस के पास शिकायत लेकर गई थीं, लेकिन वहां कोई कार्रवाई नहीं हुई।
गुरुवार को होगी पाटिल की याचिका पर सुनवाई
अदालत ने एडवोकेट जनरल (AG) आशुतोष कुंभाकोनी से पाटिल की शिकायत का स्टेटस मांगा। इस पर AG ने कहा- इनकी शिकायत स्पष्ट नहीं है। यहां तक कि शिकायत के फॉन्ट साइज भी सही नहीं हैं। मुझे इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के कुछ और ऑर्डर पढ़ने हैं। AG के जवाब के बाद अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी है।