आयुर्वेद में नीम का बड़ा ही महत्व बताया गया है। हमारी त्वचा और ब्लड के लिए तो यह फायदेमंद है ही, पेट संबंधी कई तरह की समस्याओं में भी नीम की पत्तियां कारगर घरेलू उपाय है। लेकिन क्या यह कोरोना से लड़ने में भी असरदार साबित हो सकता है? ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद और निसर्ग हर्ब्स कंपनी मिलकर इसी संभावना पर रिसर्च कर रही हैं। फरीदाबाद के ईएसआईसी अस्पताल में सात अगस्त से ही शोध संबंधी परीक्षण शुरू हो चुके हैं। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद की निदेशक डॉ. तनुजा नेसारी की अगुवाई में यह शोध किया जा रहा है। टीम में छह शोधकर्ता शामिल है।
250 लोगों पर शोध
खबरों के मुताबिक, शोधकर्ताओं की टीम 250 लोगों पर शोध कर रही है। इस शोध में शामिल वॉलंटियर्स को नीम के कैप्सूल दिए जाएंगे। इस बात का अवलोकन और निरीक्षण किया जाएगा कि नीम में मौजूद तत्व कोरोना का संक्रमण रोकने में कितने कारगर हैं। आयुष मंत्रालय का भी मानना है कि नीम कोरोना के इलाज में कारगर साबित हो सकती है।
वॉलंटियर्स के लिए चयन शुरू
इस शोध के लिए 250 वॉलंटियर्स का चयन शुरू हो चुका है। इस शोध के दौरान 250 में से आधे यानी 125 लोगों को नीम का कैप्सूल दिया जाएगा, जबकि बाकी 125 लोगों को खाली कैप्सूल दिया जाएगा। 28 दिनों तक ऐसा किया जाएगा और फिर मरीजों की जांच कर दवा का असर देखा जाएगा।
इस शोध के दौरान प्रतिभागियों की कोरोना जांच होगी
रिसर्च के दौरान वॉलंटियर्स की कोविड-19 जांच होगी। अगर कोई पॉजिटिव मिलता है तो उसके शरीर में कोरोना का कितना असर हुआ, इसकी जांच की जाएगी। निसर्ग बायोटेक कंपनी के संस्थापक गिरीश सोमन के मुताबिक, उन्हें इस बात का भरोसा है कि नीम के कैप्सूल कोरोना की रोकथाम में असरदार एंटी वायरल साबित होंगे।
लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में हुई रिसर्च में भी यह बात सामने आ चुकी है कि कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने में हल्दी, नीम और तुलसी बहुत मददगार है। सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च के हेड प्रो. शैलेंद्र सक्सेना के मुताबिक, ये शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। नीम में एंटीबायोटिक तत्व काफी मात्रा में होते हैं।