नाव मनःस्थिति से उपजा विकार है। मनःस्थिति एवं परिस्थिति के बीच असंतुलन एवं असामंजस्य उत्पन्न होने के कारण तनाव पैदा होता है। तनाव के कारण मन पर गहरी दरार पड़ती है, जिससे कई प्रकार के मनोविकार दिखाई देते हैं, जिसके कारण मन अषांत होना, अस्वस्थता महसूस होने के साथ कई बार तनाव की इस स्थिति में लगातार भूख का अहसास होता है।
तनाव में कार्य के प्रति अनिच्छा होने के साथ ही नींद कम होती है अतः इस स्थिति में लगातार भूख का अहसास होने से भोजन या किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थ का लगातार सेवन करने के कारण व्यक्ति मोटापा का षिकार होने लगता है। अगर तनाव की दषा में भूख बढ़ गई हो या मोटापा बढ़े तो उस तनाव के कारण उत्पन्न मोटापा को दूर करने हेतु तनाव के कारण कारणों की खोज कर दूर करने हेतु ज्योतिषय निदान लाभकारी उपाय हो सकता है।
अगर तनाव के कारण ओवर इटिंग हो तो इसका कारण जातक के तृतीयेष का षष्ठम, अष्टम या द्वादष स्थान में होने के साथ शनि या शुक्र का लग्नस्थ या चतुर्थ भाव में होकर राहु से पापाक्रंात होने पर या दूसरे या छठवें स्थान से किसी भी प्रकार से संबंध स्थापित करने पर जातक तनाव की स्थिति में ज्यादा भोजन करने लगता है। ऐसी स्थिति में तनाव को उत्पन्न उस ग्रह की शांति तथा उपाय कर तनाव को कम कर मोटापे को दूर किया जा सकता है। अगर तनाव के कारण मोटापा उत्पन्न हो रहा हो तो जातक को ग्रह शांति के साथ नित्य एक माला उॅ नमः भगवते वायुदेवाय का जाप करना चाहिए।
आजकल हर कोई बढ़ते तनाव से परेशान है. ऑफिस में काम और बिजनेस के दौरान लोगों को ज़रा-ज़रा सी बात पर स्ट्रैस होने लगता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रुटीन में अगर आप टेंशन में रहते हैं तो बस अपनी कुछ आदतों को बदलें और कुछ नयी अच्छी आदतें अपनायें जो आपको तनाव से दूर रख सकें. रोजमर्रा की ये 5 बातें आपको स्ट्रैस फ्री जीने में मददगार साबित हो सकती हैं.
1-तनाव को ना होने दें हावी :
स्ट्रैस आजकल लाइफस्टाइल का पार्ट बन गया है और हर कोई अलग अलग तरीके के तनाव को झेल रहा है. ऐसे में जरूरी है कि आप ये ना सोचें कि अकेले तनाव में हैं. दूसरी बात ध्यान रखें कि तनाव के बारे में जितना कम सोचेंगे उतना बेहतर होगा. इसके लिये जरूरी ये भी है कि अपने आप को बिजी रखें, जितना खाली वक्त होगा उतना नेगेटिव विचार दिमाग में आते हैं. हो सके तो खुद को किसी काम में एंगेज रखें
2-मन का काम जरूर करें :
कई बार बिजी रूटीन में जो शौक होते हैं वो पूरा करने का टाइम ही नहीं मिलता. लेकिन अगर आप स्ट्रैस में रहते हैं तो जो काम आपके मन का है उसे थोड़ा वक्त जरूर दें. इससे दिमाग रिलैक्स होता है और मन का काम करने पर फील गुड फैक्टर आता है. ये जरूरी नहीं कि टिपिकल कोई हॉबी हो , आपको जो काम पसंद हो वो करें.
3-क्लटर ना जमा होने दें :
थोड़ी टेंशन लाइफ में कम करनी है तो घर और दिमाग दोनों में क्लटर ना इकठ्ठा होने दें. दिमाग में भी जो बेकार के ख्याल आते हैं और जिनका कोई आधार नहीं उनको लॉजिकल रीजनिंग के क्लीन करते रहें. जितना दिमाग क्लीन रहेगा उतना ईज रहेगा. यही अप्रोच घर में रखें, घर में ज्यादा सामान, बिना काम की चीजें जमा ना होने दें. घर साफ-सुथरा रहने से भी अच्छा फील होता है और काम का दबाव नहीं बढ़ता जिससे तनाव कम होता है.
4-योग-मेडिटेशन बहुत फायदेमंद :
तनाव से बचना है तो रुटीन में योग या मेडिटेशन के लिये थोड़ा वक्त जरूर निकालें . अगर पसंद है तो स्पिरिचुअल किताबें पढ़ सकते हैं या वीडियो देख सकते हैं. इस तरह का एक्टिविटी से मन में तसल्ली मिलती है और दिमाग शांत होता है.
5-बड़े काम की छोटी बातें :
गर्मी हो या सर्दी, मौसम के मुताबिक ठंडे या गर्म पानी से तसल्ली से शॉवर लेना भी एक स्ट्रैस बस्टर है और इससे दिमाग को अच्छा फील होता है. इसके अलावा दिन में चाय, कॉफी, ग्रीन टी या पसंद का एक ड्रिंक जरूर पीयें. सुबह या शाम जब टाइम मिले वॉक पर जायें या एक्सरसाइज करें. कभी टाइम मिले तो सेल्फ पेंपरिंग जरूर करें. स्पा या मसाज करा सकते हैं, चाहें तो छोटी-मोटी आउटिंग पर जायें या फिर वैकेशन पर जायें. रुटीन में ऐसी छोटी-छोटी चीजें करें जो आपको खुशी देती हैं.