डिप्रेशन एक मानसिक बीमारी है.उसकी असर हमारे किडनी पर हो सकती हे.लेकिन चीन के वैज्ञानिक ने दावा किया ही कि डिप्रेशन से हमारी किडनी काम करने की शक्ति कम हो सकती है.चिन की सोधन मेडिकल यूनिवर्सिटी के संशोधक ने 4763 लोगो के स्वास्थ्य पर संशोधन किया था, कि 4763 लोगो में से 39% लॉग डिप्रेशन से पीड़ित थे.उसके ऊपर चार साल तक अभ्यास किया गया था, उस अभ्यास के बाद पता चला की 6% लोगो की किडनी की कार्यशमता कम होने को मिली । ए अभ्यास डॉ. किन के निचे हुआ था । उसके कहने पर डिप्रेशन में रहने वाले लोग क्रोनिक किडनी डीसिस होते हे एसके कारण किडनी नहीं, दिल को भी फेल कर देता है । ऐसे में किडनी की सेहत की सुरक्षा जरूरी है।
हमारे देश की बात करे तो 2020 के अंत तक देश की कुल विशाल में से 20% लॉग मेंटल डिसऑर्डर का सीकर हो सकते हैं कुल विशाल के 7.5% लॉग मेंटल डिसऑर्डर का शिकार हो गए हे। कोरोना में कई लोगों का मानसिक स्वास्थ्य काम पर न जाने, घर में रहने या बीमारी के कारण बिगड़ गया।यह केवल भारत की बात नहीं है, कोरोना के कारण पूरी दुनिया में कई लोगों का मानसिक स्वास्थ्य खराब हो गया । विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 26 करोड़ से ज्यादा लोग डिप्रेशन के शिकार हैं।भारत में हर साल 1 लाख की आबादी में 16 लाख लोग मानसिक बीमारी के कारण आत्महत्या कर लेते हैं|
हालांकि मानसिक बीमारी के कारण आत्महत्या करने वाले ज्यादातर लोग रसिया में हैं| |रसिया में हर एक लाख लोगों में से 26 लोग आत्महत्या करते हैं|भारत इस मामले में दूसरे नंबर पर आता है। इस अवस्था में भारतीयों को डिप्रेशन से बाहर आने की जरूरत है अगर आप अपनी किडनी को ठीक रखना चाहते हैं | नहीं तो दिल और किडनी खराब होने का खतरा बढ़ सकता है|