Night Shift Health Tips: हमारे काम का हमारी जिंदगी और लाइफस्टाइल पर बहुत अधिक असर पड़ता है. नाइट शिफ्ट में काम करने से हमारा स्वास्थ्य बुरी तरह से प्रभावित होता है. देर तक जगने से कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं.
- नाइट शिफ्ट में काम करते समय कैफीन युक्त पेय पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए.
- आयुर्वेद के अनुसार नाइट शिफ्ट में काम करने वालों को ऑफिस जाते समय एक चम्मच घी का सेवन करना चाहिए.
- नाइट शिफ्ट में काम करने से बीपी और स्ट्रेस की समस्या का जोखिम भी बढ़ जाता है.
Side Effects of Working Night Shift: हम किस तरह की लाइफस्टाइल जीते हैं उसका हमारी हेल्थ पर बहुत अधिक असर पड़ता है. रात में देर तक जगने का भी हमारे स्वास्थ्य में काफी असर पड़ता है. ऑफिस कल्चर में नाइट शिफ्ट का खूब चलन होता है. नाइट शिफ्ट में काम करना थोड़ा आसान तो होता है लेकिन इसे स्वास्थ्य के हिसाब से बिल्कुल भी ठीक नहीं माना जाता. अक्सर देखा जाता है कि नाइट शिफ्ट में काम करने वालों में कुछ न कुछ स्वास्थ्य समस्याएं बनी रहती हैं. ऐसी ही एक शारीरिक समस्या है वजन बढ़ना. नाइट शिफ्ट में काम करने वालों का वजन दिन में काम करने वालों की अपेक्षा अधिक ही होता है.
नाइट शिफ्ट में काम करने से सिर्फ नींद की समस्या ही नहीं आती बल्कि इससे खाने पीने की आदत में भी बड़ा बदलाव आ जाता है और इससे पूरा स्वास्थ्य प्रभावित होता है. नाइट शिफ्ट में काम करने से हार्ट, किडनी, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है. आयुर्वेद विशेषज्ञ अंजली मुखर्जी ने इंस्टाग्राम में पोस्ट के जरिए बताया कि नाइट शिफ्ट में काम करने से हमारे शरीर के अंदर मौजूद स्लीप वेक सायकिल बुरी तरह से प्रभावित होता है और इससे हार्मोंस के उत्पादन में असंतुलन पैदा हो जाता है. अजली ने नाइट शिफ्ट में काम करने के दौरान अच्छी हेल्थ को बनाए रखने के लिए कुछ टिप्स भी दिए. आइए जानते हैं उनके बारे में.
रात को हमारा मेटाबॉलिज्म और पाचन धीमा होता है, इसलिए सोने से पहले हल्का भोजन करें. सुबह के समय कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा युक्त संतुलित आहार वाला भोजन करें.
ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें. गेहूं की रोटी, पनीर, सोया नगेट्स और हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त भोजन करें.
तले हुए भोजन
के बजाय ब्रेक
के दौरान फल,
मेवा, भुने हुए
चने और खाखरे
जैसी चीजें खाने
को प्राथमिकता दें.
वजन को नियंत्रित करने के लिए चार चार घंटे के बीच में कुछ खाएं. इस समय सीमा के बीच में कुछ भी न खाएं.
कैफीन युक्त और मीठे पेय पदार्थों के बजाय हाइड्रेशन के लिए पानी लें क्योंकि कैफीन से नींद काफी प्रभावित होती है.
वसा युक्त और फाइबर की कमी वाले फूड्स जैसे पिज्ज, बर्गर, पाव भाजी, सफेद ब्रेड, इडली, डोसा और मिठाई से दूर रहें.
आयुर्वेद की मानें तो नाइट शिफ्ट में काम करने से शरीर में रूखापन बढ़ जाता है जिससे खराश और खांसी आने की संभावना अधिक होती है इसलिए जब आप काम के लिए निकलें तो एक चम्मच घी का सेवन जरूर करें.
वसा युक्त और फाइबर की कमी वाले फूड्स जैसे पिज्ज, बर्गर, पाव भाजी, सफेद ब्रेड, इडली, डोसा और मिठाई से दूर रहें.
कैफीन युक्त और मीठे पेय पदार्थों के बजाय हाइड्रेशन के लिए पानी लें क्योंकि कैफीन से नींद काफी प्रभावित होती है.
वजन को नियंत्रित करने के लिए चार चार घंटे के बीच में कुछ खाएं. इस समय सीमा के बीच में कुछ भी न खाएं.
ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें. गेहूं की रोटी, पनीर, सोया नगेट्स और हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त भोजन करें. तले हुए भोजन के बजाय ब्रेक के दौरान फल, मेवा, भुने हुए चने और खाखरे जैसी चीजें खाने को प्राथमिकता दें.