केंद्र सरकार टैक्स सिस्टम में सुधार के लिए पहल कर सकती है. चालू वित्त वर्ष में बढ़े कलेक्शन के बाद ITR दाखिल करने की प्रक्रिया को और आसान बनाया जा जा सकता है. टैक्स सिस्टम में कुछ बदलाव अगले साल से होने की उम्मीद है.
केंद्र सरकार टैक्स सुधार (Tax Reforms) की तरफ कदम बढ़ा सकती है और इसकी शुरुआत 2023 के आम बजट से हो सकती है. चालू वित्त वर्ष में सरकार टैक्स कलेक्शन में 26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसके बाद सरकार टैक्स सुधारों के लिए पहल करने जा रही है. आयकर रिटर्न (ITR) को आसान बनाने के लिए इसके स्वरूप में बदलाव किया जा सकता है. कहा जा रहा है कि इस बदलाव से टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने में आसानी होगी.
घट सकती है ITR फॉर्म की संख्या
पीटीआई की खबर के अनुसार, सरकार इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने वाले फॉर्म की संख्या घटा सकती है. इससे रिटर्न फाइल करने वालों का काम आसान हो जाएगा और फाइलिंग में समय भी कम लगेगा. कोविड महामारी के बाद सरकार ने टैक्स चोरी रोकने के लिए कई उपाय किए हैं. इसकी वजह से चालू वित्त वर्ष में डायरेक्ट और इन डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़ा है. इसे देखते हुए सरकार ने अब टैक्स सिस्टम में सुधार की योजना बनाई है.
कड़े टैक्स नियमों पर विचार
सरकार आने वाले दिनों में टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई कर सकती है. इसके साथ ही ऑनलाइन गेमिंग के अलावा ई-कॉमर्स और ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए भी कड़े टैक्स नियमों पर विचार किया जा सकता है. नए टैक्स सिस्टम में कुछ बदलाव अगले साल से होने की उम्मीद है, क्योंकि सरकार गैर-छूट वाले टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर्स के लिए अधिक आकर्षक बनाना चाहती है.
दो तरह के ऑप्शन
भारत के मौजूदा टैक्स सिस्टम में दो तरह के ऑप्शन उपलब्ध हैं. वित्त वर्ष 2020-21 के बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स सिस्टम इस तरह टैक्स के दो ऑप्शन मौजूद हैं और टैक्सपेयर्स इनमें से किसी एक चुन सकते हैं. पुराने टैक्स स्ट्रक्चर (Old Tax Regime) में कई तरह के डिडक्शन (Tax Deductions) के ऑप्शन हैं. वहीं, नए स्ट्रक्चर में इनमें से अधिकतर को हटा लिया गया है.
नए और पुराने टैक्स स्ट्रक्चर को समझें
नए टैक्स स्ट्रक्चर में 2.50 लाख रुपये तक की सालाना इनकम टैक्स फ्री है. इसके बाद के 2.5 लाख रुपये पर 5 फीसदी के हिसाब से टैक्स लगता है. इसके बाद के 2.5 लाख रुपये पर 5 फीसदी के हिसाब से टैक्स लगता है. पुराने टैक्स स्ट्रक्चर की बात करें, तो इसमें 2.5 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स-फ्री है. इसके बाद 2.5 लाख से पांच लाख की आमदनी पर 5 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. लेकिन सरकार की ओर से 12,500 रुपये का रिबेट मिलने से यह भी शून्य हो जाता है.