17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 8 चीतों को छोड़ेंगे. इन आठ चीतों में तीन नर और पांच मादा चीते हैं. ये चीते पहले मॉडिफाइड विमान से जयपुर लाए जाएंगे. उसके बाद उन्हें हेलिकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क पहुंचाया जाएगा. इसके बाद इन्हें खुले जंगल में रिलीज़ किया जाएगा.
पूरा देश इस समय नामीबिया से आ रहे 8 चीतों का इंतजार कर रहा है. इन्हें लाने के लिए नामीबिया के हुशिया कोटाको इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विशेष विमान पहुंच चुका है. यह एक बोईंग 747 विमान है, जिसे चीतों को लाने के लिए मॉडिफाई किया गया है. विमान की नाक पर चीते की पेंटिंग बनाई गई है. 17 सितंबर को यह विमान चीतों को लेकर पहले जयपुर आएगा. वहां से चीतों को हेलिकॉप्टर से मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क ले जाया जाएगा. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन्हें खुले जंगल में छोड़ेंगे.
नेशनल पार्क में इन चीतों के रहने की विशेष व्यवस्था की गई है. इनकी देखरेख करने वाले स्टाफ को विशेष ट्रेनिंग दी गई है. प्रोजेक्ट चीता का यह विशेष विमान ऐतिहासिक यात्रा करने वाला है. वह एक एक महाद्वीप से दूसरे तक पूरी रात यात्रा करेगा. मध्यप्रदेश के लिए यह बड़ा मौका है क्योंकि सरकार को इस बात का विश्वा है कि इसके चलते इस इलाके में ईकोटूरिज्म बढ़ेगा. यहां रहने वाले आसपास के लोगों के लिए जीविका के साधन भी बढ़ेंगे.
सीसीएफ के फाउंडर और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. लोरी मारकर और कैप्टन हमिश हार्डिंग ने इस कस्टमाइज बोईंग विमान 747 को तैयार किया है. तैयार किया है. इन 8 चीतों में साढ़े पांच साल के दो नर, एक साढ़े 4 साल का नर, ढाई साल की एक मादा, 4 साल की एक मादा, दो साल मादा चीता भी शामिल हैं. यह तमाम चीते नामीबिया के अलग-अलग इलाकों से लाए जा रहे हैं.
इस पूरे मिशन की देखरेख के लिए भारत और नामीबिया सरकार की ओर से एक्सपर्ट टीम गठित की गई है. नामीबिया में भारत सरकार के राजदूत प्रशांत अग्रवाल, प्रोजेक्ट चीता के मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर झाला यादवेंद्र देव, पर्यावरण मंत्रालय से डॉ. सनत कृष्णा मूलिया और वित्त मंत्रालय के रेवेन्यू विभाग से कस्टम अधिकारी अनीश गुप्ता हैं. वहीं, नामीबिया की ओर से सीसीएफ के फाउंडर डॉ. लोरी मारकर, चीता स्पेशलिस्ट एली वॉकर, डाटा मैनेजर बार्थेलामी आरसीसीएफ में अधिकारी डॉ. एना बेस्टो इसका हिस्सा है.
बोईंग 747 जंबोजेट में पिंजरे को रखने की व्यवस्था की गई है. पिंजरे विमान के विशेष हिस्से में होंगे. साथ ही इस विमान पर सवार डॉक्टर और एक्सपर्ट इनकी देखभाल करते रहेंगे. यह अल्ट्रा long-range का विशेष जेट विमान है. जो लगातार 16 घंटे यात्रा कर सकता है. यह नामीबिया से हिंदुस्तान बिना रुके या बिना दोबारा तेल भरे अपनी यात्रा पूरी करेगा.