साइबर अपराध और BNS के प्रावधान

साइबर अपराध और BNS के प्रावधान

आज के डिजिटल युग में, साइबर अपराध एक गंभीर समस्या बन गई है। इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग में वृद्धि के साथ, साइबर अपराधों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। भारत में, BNS (भारतीय दंड संहिता) में कई धाराएँ हैं जो विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों से निपटने के लिए बनाई गई हैं। आइए, BNS के कुछ महत्वपूर्ण प्रावधानों पर नजर डालते हैं जो साइबर अपराधों से जुड़े हैं:

1.BNS की धारा 294:

यह धारा अश्लील सामग्री के प्रकाशन और प्रसारण को संबोधित करती है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक माध्यम भी शामिल हैं। इसके अंतर्गत दंड में कारावास और जुर्माना शामिल है, और पुनरावृत्ति पर कठोर दंड का प्रावधान है।

2.BNS की धारा 77:

यह धारा किसी महिला के निजी अंगों या क्रियाओं की सहमति के बिना तस्वीरें लेने या प्रकाशित करने को 'वॉयरिज़्म' के रूप में परिभाषित करती है।

3. BNS की धारा 303:

यह धारा मोबाइल फोन, डेटा, या कंप्यूटर हार्डवेयर/सॉफ्टवेयर से संबंधित चोरी को संबोधित करती है। इसके तहत साइबर चोरी में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। हालांकि, जब विशेष कानून जैसे IT एक्ट लागू होते हैं, तो उनकी प्राथमिकता होती है।

4.BNS की धारा 78:

यह धारा शारीरिक और साइबर दोनों रूपों में पीछा करने के अपराध को संबोधित करती है। इसमें किसी महिला को शारीरिक या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से मॉनिटर करने या परेशान करने पर कारावास और जुर्माने का प्रावधान है।

5.BNS की धारा 317:

यह धारा चोरी किए गए मोबाइल फोन, कंप्यूटर या डेटा प्राप्त करने पर लागू होती है। यहां तक कि तीसरे पक्ष द्वारा भी ऐसी संपत्ति के कब्जे पर दंड का प्रावधान है।

6.BNS की धारा 318:

यह धारा पासवर्ड चोरी, फर्जी वेबसाइटों का निर्माण और साइबर धोखाधड़ी को संबोधित करती है। इसके तहत अपराध की गंभीरता के आधार पर विभिन्न कारावास और जुर्माने का प्रावधान है।

7.BNS की धारा 336:

यह धारा ईमेल स्पूफिंग और ऑनलाइन फर्जीवाड़े जैसे अपराधों से संबंधित है। इसके अंतर्गत कारावास, जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है। यह धारा तब भी लागू होती है जब फर्जीवाड़े का उद्देश्य किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना हो।

8.BNS की धारा 356:

यह धारा मानहानि को दंडित करती है, जिसमें ईमेल के माध्यम से मानहानिकारी सामग्री भेजना भी शामिल है। इसके अंतर्गत कारावास और जुर्माने का प्रावधान है।

9.BNS की धारा 357:

यह धारा सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर झूठी जानकारी फैलाने को संबोधित करती है। इसके अंतर्गत फर्जी समाचार, गलत जानकारी, या अफवाहें फैलाने पर सख्त सजा का प्रावधान है।

10.BNS की धारा 365:

यह धारा साइबर धमकी और ब्लैकमेल को दंडित करती है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से धमकी देना, किसी व्यक्ति को डराना-धमकाना, और ब्लैकमेल करना शामिल है। इसके तहत कारावास और जुर्माना दोनों का प्रावधान है।

साइबर अपराधों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने के लिए इन प्रावधानों की जानकारी आवश्यक है। तकनीकी साक्षरता और कानून के प्रति जागरूकता बढ़ाकर हम साइबर अपराधों को नियंत्रित कर सकते हैं और डिजिटल दुनिया को सुरक्षित बना सकते हैं।

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