जमानत और सबूत हटाने के नाम पर धोखाधड़ी: सतर्क रहें!

जमानत और सबूत हटाने के नाम पर धोखाधड़ी: सतर्क रहें!

एक नया घोटाला: सावधान रहें

आजकल, ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से धोखाधड़ी के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। इनमें से एक नया तरीका यह है जिसमें लोगों को झूठे आपराधिक मामलों में फंसाकर उनसे मोटी रकम वसूली जा रही है। आइए जानते हैं इस नए घोटाले के बारे में विस्तार से।

घोटाले का तरीका

इस घोटाले में सबसे पहले पीड़ित को फोन या ईमेल के जरिए संपर्क किया जाता है। पीड़ित को बताया जाता है कि उनके खिलाफ कई आईपीसी (Indian Penal Code) धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी जैसे गंभीर आरोप शामिल होते हैं। 

पहला कदम: जमानत के लिए राशि की मांग

पहले चरण में, पीड़ित से कहा जाता है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज है और उनसे 50,000 रुपये की राशि मांगी जाती है। यह राशि कथित तौर पर उनकी जमानत के लिए होती है ताकि उन्हें गिरफ्तार न किया जाए।

दूसरा कदम: सबूत हटाने के लिए राशि की मांग

जब पीड़ित पहली राशि जमा कर देता है, तो उनसे दोबारा संपर्क किया जाता है और कहा जाता है कि उनके खिलाफ मौजूद सभी सबूतों को हटाने के लिए और 1,00,000 रुपये जमा करने होंगे। यह राशि उस जांच के लिए बताई जाती है, जिसमें उनके खाते की जांच की जाएगी और सभी सबूत हटा दिए जाएंगे।

तीसरा कदम: शुल्क वसूली और प्रतिपूर्ति का वादा

धोखेबाजों द्वारा यह भी कहा जाता है कि जांच पूरी होने के बाद, जमा की गई राशि में से 900 रुपये दस्तावेज़ीकरण शुल्क के रूप में काटकर बाकी राशि वापस कर दी जाएगी। यह एक और जालसाजी है ताकि पीड़ित को लगे कि वह निर्दोष साबित हो गया है और उसकी राशि वापस मिल जाएगी।



सावधानी बरतें

1.असली कानूनी प्रक्रियाएं:

वास्तविक कानूनी मामलों में, पुलिस या कानूनी एजेंसियां फोन या ईमेल के जरिए जमानत या अन्य कानूनी शुल्क की मांग नहीं करतीं।

2.बैंक विवरण साझा न करें: 

कभी भी अपने बैंक खाते की जानकारी अजनबियों या संदेहास्पद कॉल/ईमेल के साथ साझा न करें।

3.सत्यापन:

अगर आपको ऐसा कोई फोन या ईमेल मिलता है, तो तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें और घटना की रिपोर्ट दर्ज कराएं।

4.अन्य स्रोतों से जांच:

जिस व्यक्ति या संस्था से संपर्क किया गया हो, उसकी वैधता की पुष्टि करें। 

आज के डिजिटल युग में, धोखाधड़ी के तरीके भी अधिक उन्नत और चालाक हो गए हैं। ऐसे में हमें सतर्क और सावधान रहने की आवश्यकता है। यदि आप कभी भी ऐसी किसी स्थिति का सामना करें, तो घबराएं नहीं और तुरंत कानूनी सलाह लें। अपनी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी की सुरक्षा को सर्वोपरि रखें और किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें। 
ध्यान रहे, सतर्कता ही सुरक्षा की कुंजी है।

  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 595K
    DEATHS:7,508
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 539K
    DEATHS: 6,830
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 496K
    DEATHS: 6,328
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 428K
    DEATHS: 5,615
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 394K
    DEATHS: 5,267
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED:322K
    DEATHS: 4,581
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 294K
    DEATHS: 4,473
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 239 K
    DEATHS: 4,262
  • COVID-19
     INDIA
    DETECTED: 44.85 M
    DEATHS: 531.23 K
  • COVID
     GLOBAL
    DETECTED: 686.0 M
    DEATHS: 6.84 M