कोटा में छात्रों के सुसाइड का सिलसिला जारी है. गुरुवार को यूपी के रामपुर के रहने वाले छात्र मनजोत सिंह ने फांसी लगा ली. लगातार जनवरी से अब तक सुसाइड के बाद कोटा में बहुत दर्दनाक स्थिति बन चुकी है. तत्काल ये सिलसिला रुकना चाहिए.
कोटा में एक और कोचिंग छात्र ने फांसी का फंदा लगाकर मौत को गले लगा लिया. आत्महत्या करने वाला छात्र मनजोत सिंह यूपी के रामपुर का रहने वाला था. वो कोटा में रहकर मेडिकल (NEET) की तैयारी कर रहा था. मनजोत सिंह 18 साल का था अप्रैल में ही कोटा आया था.
कोटा में सिर्फ मई और जून में 9 छात्रों ने आत्महत्या की. वहीं इस साल जनवरी से अब तक की संख्या देखें तो यह अब 19 पहुंच गई है. सवाल यह उठता है कि इतनी दुखद घटनाओं का यह सिलसिला आखिर थम क्यों नहीं रहा है. अभी डेढ़ महीने पहले उत्तर प्रदेश के जौनपुर से 17 वर्षीय छात्र आदित्य सेठ कोटा आया था. मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट की तैयारी के लिए उसने विद्यापीठ कोचिंग संस्थान में एडमिशन लिया था. फिर 27 जून को छात्र आदित्य ने आत्महत्या कर ली और अपने पीछे एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उन्होंने अपनी इच्छा से यह कदम उठाया है.
गौरतलब है कि कोटा में मेडिकल-इंजीनियरिंग सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में देश भर से दो लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं आते हैं. एक कोचिंग की सालाना फीस 2 से 3 लाख रुपए है. इसके अलावा कमरा, पीजी आदि सब कुछ भी महंगा है. ऊपर से इतनी भीड़ और पढ़ाई का तनाव है.
नाम न बताने की इच्छा रखने वाले माता-पिता ने कहा कि सभी पेरेंट्स शिक्षकों को इन बच्चों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर सख्ती से ध्यान देना चाहिए. आमिर खान ने थ्री इडियट्स मूवी में सही कहा था गर्दन का प्रेशर नाप सकती है मशीन? लेकिन सिर पर ऊपर के दबाव को क्या नापेगा.