राजधानी दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में पिछले 15 दिनों में आई फ्लू संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। अत्यधिक संक्रामक मानी जानी वाली यह बीमारी वायरस/बैक्टीरियल संक्रमण के अलावा एलर्जी के कारण भी हो सकती है। आई फ्लू को कंजंक्टिवाइटिस के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें रोगी को आंखों में लालिमा, खुजली, जलन, चिपचिपापन भी हो सकती है। आमतौर पर इस संक्रमण को अधिक गंभीर नहीं माना जाता है और ये एक या दो सप्ताह में स्वयं ही ठीक हो जाता है। यह संक्रमण आपकी आंखों में गंभीर क्षति तो नहीं पहुंचाता है लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को इससे बचाव करते रहने को लेकर सलाह देते हैं।
डॉक्टर बताते हैं, कंजंक्टिवाइटिस तेजी से फैलता है, इसके वायरस लंबे समय तक सतहों पर रह सकते है। संक्रमित सतह जैसे दरवाजे की कुंडी, बेडशीट, दरवाजे, तौलिया, रूमाल आदि के माध्यम से एक से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है।
सभी लोगों को इस संक्रमण से बचाव को लेकर सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है।
आई फ्लू से बचाव कैसे करें?
डॉक्टर बताते हैं कुछ सामान्य सी बातों को ध्यान में रखकर आई फ्लू की समस्या के जोखिमों को कम किया जा सकता है।
- स्वच्छता का ध्यान रखें: अपने हाथ बार-बार धोएं। तौलिये या सौंदर्य प्रसाधन जैसी व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा न करें।
- आंखों को रगड़ें नहीं: आंखों को छूने या रगड़ने से बचें, क्योंकि इससे आंखों में कीटाणु पहुंच सकते हैं।
- सुरक्षात्मक चश्मे का उपयोग करें: यह आपको बाहरी संक्रमण से सुरक्षित रखने में सहायक होगा।
- संक्रमित व्यक्तियों से दूर रहें: यदि आपके आस-पास किसी को आई फ्लू है, तो संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
- आई फ्लू हो जाए तो क्या करें?
अगर आपको आई फ्लू हो गया है तो कुछ उपाय आपके जोखिमों को कम करने में मददगार हो सकते हैं।
- अपने हाथ बार-बार धोएं। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए साफ तौलिए, वॉशक्लॉथ का इस्तेमाल करें।
- अपनी आंखों पर साफ, ठंडी सेक लगाएं, इससे आई फ्लू के कारण होने वाली असुविधा को कम करने में मदद मिल सकती है।
- आंखों की सफाई का ध्यान रखें। बेहतर रहेगा आप टिश्यू का इस्तेमाल करें और फिर उसे फेंक दें।