लेकिन, आज दुख की बात है कि अहमदाबाद आईजी रेंज के एक अधिकारी श्री केसरी सिंह भाटी साहब का दिल का दौरा पड़ने से दुखद निधन हो गया। हमेशा के लिए हमसे दूर चले गए है।
ऐसे पुलिस अधिकारी हर दिन पैदा नहीं होते हैं, हजारों में से एक स्टार का जन्म होता है,
उन्हें खोने से उनके करीब लोगों के साथ-साथ पुलिस बल और यहां तक कि आम लोग भी उन्हें याद करते हैं और उनकी कमी महसूस करते है, और कहते हैं कि भगवान इतने अच्छे लोगों को इतनी जल्दी क्यों बुलाता है?
शनिवार को उनकी तबीयत बिगड़ी तो उन्हें इलाज के लिए ज़ायडस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।उन्होंने गुजरात एटीएस, पुलिस भवन और सूरत जैसी जगहों पर काम किया है।वह बहुत भावुक भी थे। उनके बड़े भाई सिद्धराज सिंह भाटी भी सूरत से एक आईपीएस अधिकारी के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे।
शुरुआत में पुलिस अधिकारियों को उनके निधन की खबर पर विश्वास नहीं हुआ था।जब उनकी मौत की खबर की पुष्टि हुई, तो पुलिस बल में शोक का माहौल था।गुजरात के तत्कालीन डीजीपी अमिताभ पाठक पत्या घुमने गए थे। ड्यूटी के दौरान पताया में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई थी और आज गुजरात पुलिस के एक अन्य आईपीएस अधिकारी केसरिसिह भाटी की भी ड्यूटी के दौरान मौत हो गई।
पुलिसबेड़ा में एक चर्चा चल रही है कि पुलिसकर्मी और अधिकारी लगातार तनाव में रह रहे हैं। पुलिस लगातार उन पर काम और राजनीति के बोझ से पीड़ित है। नतीजतन, पुलिस हार्ट अटैक के कारण होने वाली मौतों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है।
सड़क हादसे में अपने पिता की लाश के पास बैठकर एक मासूम बच्चा रो रहा था। मामले की जांच करते हुए, IPS केसरी सिंह भाटी ने बच्चे को शिक्षित करने की जिम्मेदारी ली। यहां तक कि बच्चे की मां भी बोल या सुन नहीं सकती थी।केसरसिह भाटी साहब के स्थानांतरण के बाद बच्चे ने पढाई छोड दिया थी। उसके मामा, जो अपने घर की देखभाल कर रहे थे, ट्रेन के नीचे आने से उसके दो पैर भी खराब हो गए। तो केसरी सिंह की आंख भीग गई। इसलिए वे बच्चे की आर्थिक मदद कर रहे थे।
ऐसे थे हमारे आईपीएस अधिकारी श्री केसरिसिह भाटी साहब।बहुत कम लोग शायद उनकी अच्छाई यों से वाकिफ नही होंगे,लेकिन पुलिस और भी एक आइपीएस ओफिसर होने का उनके मनमें कोई अभिमान नही था।ऐसे थे हमारे IPS अधिकारी श्री केसरसिह भाटी साहब। बहुत कम लोग उनकी भलाई के बारे में जानते होंगे, लेकिन उन्हें पुलिस और यहां तक कि एक IPS अधिकारी होने का कोई अभिमान नहीं था।सबसे हटके आईपीएस अफसर थे,जो आज अब हमारे बीच नही रहे है।