खेल मंत्रालय ने शुक्रवार को पूर्व में खेल रत्न हासिल करने वाली साक्षी मलिक और मीराबाई चानू को अर्जुन पुरस्कार नहीं देने का फैसला किया, जिससे इस साल यह पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ियों की संख्या 27 रह गई है। खेल मंत्रालय ने हालांकि देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार खेल रत्न के लिए जिन पांच खिलाड़ियों के नाम की सिफारिश की गई थी, उन्हें स्वीकार कर लिया है।
पिछले सप्ताह न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) मुकुंदकम शर्मा की अगुवाई वाली चयनसमिति ने अर्जुन पुरस्कार के लिए 29 खिलाड़ियों के नाम खेल मंत्रालय के पास भेजे थे। इस सूची में रियो ओलिंपिक की कांस्य पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक और 2017 की विश्व भारोत्तोलन चैंपियन मीराबाई चानू का नाम भी शामिल था, लेकिन इन दोनों को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित करने का अंतिम फैसला खेल मंत्री किरण रिजिजू पर छोड़ दिया गया था।
खुद का नाम लिस्ट में न देख साक्षी मलिक बेहद निराश
असल में इन दोनों खिलाड़ियों को पहले ही देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार खेल रत्न मिल चुका था। इन दोनों के नाम को सूची में शामिल करने की आलोचना भी हुई थी। खुद का नाम लिस्ट में न देख साक्षी मलिक बेहद निराश हैं। हरियाणा की इस पहलवान की माने तो अपने नाम के आगे अर्जुन अवॉर्डी लगाना उनका बचपन का सपना है। एक एथलीट इस सम्मान के लिए जी-तोड़ मेहनत करता है, लेकिन सरकार द्वारा नजरअंदाज करने से मनोबल टूट गया।
इस साल खेल रत्न पाने वाले पांच खिलाड़ियों में स्टार क्रिकेटर रोहित शर्मा, पहलवान विनेश फोगाट, पैरालिंपिक स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थंगवेलु, टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा और महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल शामिल हैं। मंत्रालय ने अपनी औपचारिक प्रेस विज्ञप्ति में इसकी पुष्टि की है। कोविड-19 महामारी के कारण पहली बार पुरस्कार वितरण समारोह 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस पर वर्चुअल आयोजित किया जाएगा। पहले इसके लिए राष्ट्रपति भवन में पुरस्कार समारोह का आयोजन किया जाता था।