दिल्ली पुलिस द्वारा सोमवार को शकरपुर से पकड़े गए तीन कश्मीरी आतंकियों के परिवार ने इन्हें निर्दोष बताते हुए कहा कि इनका किसी भी आतंकी संगठन से कोई संबंध नहीं है। जम्मू-कश्मीर पुलिस को हस्तक्षेप कर उन्हें रिहा कराना चाहिए।
मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के रहने वाले रेयाज अहमद राथर और शब्बीर अहमद गोजरी नसरुल्ला पोरा का रहने वाला है जबकि मुहम्मद अयूब पठान गोंदीपोरा गांव का रहने वाला है। शब्बीर अहमद गोजरी की पत्नी शाइस्ता ने कहा कि उसका पति हर साल अजमेर शरीफ की दरगाह पर जाता है। इस बार उसके साथ गांव का एक और युवक रेयाज अहमद भी था।
रेयाज बेल्डिंग का काम करता है उसे दिल्ली से कुछ सामान लाना था। रविवार की शाम हुई बातचीत में शब्बीर ने बताया था कि वह ठीक हैं। उसने दावा किया कि पुलिस रिकॉर्ड में टिप्पर चालक के रूप में दर्ज है। रेयाज अहमद के पिता मुहम्मद शफी राथर ने कहा कि उनका बेटा जिंदगी में पहली बार दिल्ली गया था। बेटे का रिकार्ड साफ-सुथरा है। जबकि तीसरे आरोपी गोंदीपोरा निवासी मुहम्मद अयूब पठान के परिवार के अनुसार, हम घर बना रहे हैं और अयूब निर्माण सामग्री खरीदने दिल्ली गया था। उसकी तीन बेटियां और दो बेटे हैं।
इस साल पांच फरवरी को लावेपोरा में हुए आतंकी हमले में उसका एक बेटा संलिप्तता के आरोप में पुलिस हिरासत में है। इस हमले में दो आतंकी बडगाम का जिया -उर-रहमान और वागम बिजबिहाड़ा का खतीब मारा गया था। इस मुठभेड़ में एक सैनिक रमेश रंजन शहीद हुए थे।