राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी की पुण्यतिथि पर हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस मनाया जाता है। 1948 में गांधी की नाथूराम गोडसे द्वारा प्रार्थना सभा में जाते हुए हत्या कर दी गई थी। गोडसे ने उन्हें नजदीक से तीन गोलियां मारी थीं। गांधी को 1915 के आसपास मरणोपरांत 'महात्मा' की उपाधि से सम्मानित किया गया था। संस्कृत में महात्मा का मतलब 'महान आत्मा' होता है। गांधी और शहीद दिवस के बारे में जानें सबकुछ-
महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका में एक वकील थे। नस्लभेद की एक घटना ने उन्हें भारत वापस आने पर मजबूर किया। यहां आकर वे एक सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेता बन गए। उन्हें अंग्रेजों से भारत को आजादी दिलाने के लिए याद किया जाता है। उन्हें सत्य और अहिंसा की नीति के लिए भी जाना जाता है।
गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन को गति दी थी। नमक सत्याग्रह आंदोलन सबसे बड़ा था। इसके तहत उन्होंने लोगों के एक बड़े समूह का साबरमती आश्रम से दांडी तक नेतृत्व किया था। उन्होंने समुद्र के पानी से नमक बनाने की शुरुआत की थी। ऐसा भारत में ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए नमक कर के विरोध में किया गया था।
हिंदू कट्टरपंथियों ने गांधी पर भारत के विभाजन का आरोप लगाया। आठ नवंबर 1949 को मौत की सजा के बाद गोडसे ने अपने बयान में कहा था कि वह मुस्लिम समुदाय के लिए गांधी के समर्थन से नाखुश था। उसने भारत के विभाजन और पाकिस्तान के गठन के लिए उन्हें दोषी ठहराया था।
गोडसे ने कहा था, मैं कहता हूं कि मैंने गोलियां उस व्यक्ति को मारी थीं जिसकी नीति और कार्रवाईयों ने लाखों हिंदुओं के लिए प्रलय और विनाश को ला दिया था। मुझे लगता है कि कोई भी व्यक्ति किसी के प्रति व्यक्तिगत रूप से गलत नहीं सोचता है, लेकिन मैं कहता हूं कि मेरे मन में वर्तमान सरकार के लिए उसकी नीति के कारण कोई सम्मान नहीं हो क्योंकि उसका मुसलमानों के प्रति झुकाव है।
15 नवंबर, 1949 को राष्ट्रपिता की हत्या के लिए गोडसे और सह-साजिशकर्ता नारायण आप्टे को फांसी दे दी गई थी।