आज करीब स्थानीय समयानुसार 12:43 को पुर्णिमा का चांद मक्का स्थित काबा की सीध में होगा। चंद्रमा सीधे सऊदी अरब में काबा, इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल के ऊपर दिखाई देगा और ग्रैंड मस्जिद के साथ लंबवत होगा।
जेद्दा एस्ट्रोनॉमी एसोसिएशन के अध्यक्ष माजिद अबू जाहिरा ने अल अरबिया को बताया कि चंद्रमा उत्तरी / उत्तर-पूर्वी क्षितिज से सूर्यास्त के साथ उठेगा और उत्तरी / उत्तर-पश्चिमी क्षितिज में स्थापित रहेगा।
अध्यक्ष माजिद अबू जहीरा ने कहा इसका मतलब है कि चंद्रमा रात के आकाश में छह महीने के बाद गर्मियों के सूरज की तरफ बढ़ेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि चांद आधी रात के बाद सऊदी अरब में 89.57.46 डिग्री की ऊंचाई पर काबा के ऊपर दिखाई देगा।
आगे उन्होंने समझाते हुए बताया कि चंद्रमा आकाश में रात के बाकी हिस्सों के लिए तब तक दिखाई देगा जब तक कि वह शुक्रवार के सूरज के उदय के साथ स्थापित नहीं हो जाता।
अबू जाहिरा ने बताया कि यह घटना दुनिया के मुसलमानों को किबला की दिशा का पता लगाने में मदद करती है। आपको बता दें, कि सूरज काबा पर हर साल दो बार घूमता ज्यादातर मई और जुलाई में। जब ऐसा होता है तो काबा में कोई छाया नहीं होती है।
क्या है किबला
किबला मक्का में पवित्र मस्जिद में काबा की दिशा है। इस तरफ मुंह करके नमाज पढ़ते हैं। जिसका उपयोग विभिन्न धार्मिक संदर्भों में मुसलमानों द्वारा किया जाता है। इस्लाम में काबा को पैगंबर अब्राहम और इस्माईल द्वारा बनाया गया एक पवित्र स्थल माना जाता है। अधिकांश मस्जिदों में एक दीवार पर आला होता है जो कि किबला की दिशा को इंगित करता है।
मक्का मदीना
मक्का मदीना मुस्लिम धर्म या इस्लाम धर्म में काबा एक बहुत पवित्र स्थान माना गया हैं। यहाँ पूरी दुनिया से लाखों मुस्लिम लोग आकर अपने खुदा की इबादत करते हैं।
माना जाता है कि काबा मुसलमानों से भी पहले की जगह है। खुद मुहम्मद साहब ने कहा था कि यह अल्लाह के द्वारा जन्नत से बनाया गया तीर्थ स्थान है। पूरी दुनिया के सभी मुसलमान चाहें वे कहीं भी हो नमाज के समय अपना मुँह काबा की ओर ही रखते हैं।