आईपीओ से कमाई करने वाले रिटेल इन्वेस्टर्स लंबे समय से एलआईसी के शेयर मार्केट में आने का इंतजार कर रहे हैं. सरकार भी चाहती है कि इस आईपीओ में रिटेल इन्वेस्टर्स की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी हो. कंपनी के पॉलिसी एजेंट लोगों से मिलकर आईपीओ को लेकर उन्हें जागरूक कर रहे हैं.
- LIC IPO DRHP
सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) के आईपीओ (IPO) को लेकर सरगर्मियां बजट के बाद तेज हो गई हैं. सरकार हर हाल में यह आईपीओ 31 मार्च से पहले लाना चाहती है. यह काम इस टाइमफ्रेम में करने के लिए आज सेबी (SEBI) के पास एलआईसी आईपीओ के पेपर्स (LIC DRHP) सबमिट किए जा सकते हैं. इसके बाद सेबी की मंजूरी मिलते ही आईपीओ लाने का रास्ता साफ हो जाएगा.
- पॉलिसीहोल्डर्स, कर्मचारियों को ये फायदे
आज तक के सहयोगी चैनल बिजनेस टुडे टीवी को मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि सेबी के पास आज पेपर्स सबमिट हो सकते हैं. इस आईपीओ में एलआईसी के पॉलिसीहोल्डर्स (LIC Policyholders) के लिए 10 फीसदी तक हिस्सा रिजर्व रखा जा सकता है. डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडेय ने हाल ही में बताया था कि प्रस्तावित आईपीओ में एलआईसी के लाखों बीमाधारकों के लिए डिस्काउंट भी ऑफर किया जा सकता है. उन्होंने कहा था कि पॉलिसीहोल्डर्स को इश्यू प्राइस (Issue Price) पर डिस्काउंट (Discount) देने के लिए एलआईसी एक्ट (LIC Act) में जरूरी संशोधन किया जा चुका है. इस आईपीओ में एलआईसी के कर्मचारियों के लिए भी कुछ हिस्सा रिजर्व रखा जा सकता है.
- इन कारणों से सरकार के लिए जरूरी यह आईपीओ
DIPAM सचिव ने बीते दिनों बिजनेस टुडे बजट राउंडटेबल में बताया था कि एलआईसी की इम्बेडेड वैल्यू (LIC Embeded Value) 5 लाख रुपये से ज्यादा होगी. इससे एलआईसी की मार्केट वैल्यू (LIC Market Value) तय करने में मदद मिलेगी और यह भी साफ होगा कि सरकार को इस आईपीओ से कितने रुपये मिल सकते हैं. यह आईपीओ विनिवेश (Disinvestment) के लक्ष्य को पाने फिस्कल डेफिसिट (Fiscal Deficit) को कंट्रोल करने के लिए जरूरी हो गया है.
- अब तक इतना ही हो पाया विनिवेश
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने 01 फरवरी को बजट (Budget 2022) पेश करते हुए विनिवेश के टारगेट को घटा दिया था. पहले सरकार ने 2021-22 में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था. इस बजट में इस लक्ष्य को घटाकर 78 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है. वहीं 2022-23 के लिए महज 65 हजार करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा गया है. सरकार अभी तक विनिवेश से 2021-22 में करीब 12 हजार करोड़ रुपये ही जुटा पाई है.
- पहले से कर लें ये तैयारी
आईपीओ से कमाई करने वाले रिटेल इन्वेस्टर्स लंबे समय से एलआईसी के शेयर मार्केट (Share Market) में आने का इंतजार कर रहे हैं. सरकार भी चाहती है कि इस आईपीओ में रिटेल इन्वेस्टर्स की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी हो. कंपनी के पॉलिसी एजेंट (LIC Agent) लोगों से मिलकर आईपीओ को लेकर उन्हें जागरूक कर रहे हैं. खासकर एलआईसी के पॉलिसीहोल्डर्स को भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. अगर आप भी एलआईसी का आईपीओ लेना चाहते हैं तो पहले से कुछ तैयारी कर लें. अगर आपके पास एलआईसी की पॉलिसी (LIC Policy) है तो फटाफट पोर्टल पर पैन डिटेल्स अपडेट कर लें. इसके अलावा डीमैट अकाउंट (Demat Account) होना अनिवार्य है. बिना डीमैट अकाउंट के किसी भी आईपीओ में हिस्सा नहीं लिया जा सकता है. जिनके पास एलआईसी की पॉलिसी नहीं है, वे रिटेल इन्वेस्टर्स के हिस्से में बोली लगा सकते हैं.