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एक साल पहले शख्स ने क्रिप्टोकरेंसी में गंवाए थे 36 लाख, अब साइबर सेल ने वापस दिलाई पूरी रकम

एक साल पहले शख्स ने क्रिप्टोकरेंसी में गंवाए थे 36 लाख, अब साइबर सेल ने वापस दिलाई पूरी रकम

पीड़ित फरवरी 2022 में एक व्हाट्सएप ग्रुप केसे जुड़ा हुआ था जहां पीड़ित को क्रिप्टोकरेंसी का लालच दिया गया था. ग्रुप एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर एक महिला लगातार उनसे संपर्क में थी और उसे अच्छे रिटर्न का वादा किया गया. इसके बाद पीड़ित ने लाखों का निवेश कर दिया.

महाराष्ट्र के ठाणे जिले के रहने वाले एक मोबाइल दुकान के मालिक को क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी में 36 लाख रुपये गंवाने के एक साल बाद पूरी रकम वापस मिल गई है. पुलिस ने इस मामले में एक चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया है जो इस पूरे अपराध में शामिल था. इस मामले की जांच मीरा भायंदर-वसई विरार (एमबीवीवी) पुलिस कमिश्नरेट के साइबर सेल द्वारा की गई थी.

इस तरह फंसा लालच में

एमबीवीवी साइबर सेल के वरिष्ठ निरीक्षक सुजीत कुमार गुंजकर ने बताया कि फरवरी 2022 में क्रिप्टोकरेंसी व्यापारियों से जुड़े एक व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल होने के बाद पीड़ित को क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग का लालच दिया गया था. ग्रुप एडमिन एक महिला थी जिसने पीड़ित से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने को कहा और वादा किया कि उसे इससे एक अच्छा रिटर्न मिलेगा. 

पीड़िता महिला के लालच में फंस गया और एक मोबाइल ऐप के माध्यम से निवेश करते हुए 39,596 अमेरिकी डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी. हालांकि, पिछले साल मई में,व्हाट्सएप ग्रुप को बंद कर दिया गया और कई प्रयासों के बावजूद, वह ग्रुप एडमिन से संपर्क नहीं कर सका. इसके बाद पीड़ित को हुआ एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है. उसके बाद, पीड़ित ने साइबर पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने अपनी जांच शुरू की और उसे कई सुराग मिले. जांच के दौरान पुलिस को ओकेएक्स (OKX) नाम की एक एजेंसी का पता चला जो सेशेल्स-पंजीकृत क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एजेंसी थी.


पुलिस ने की जांच

जांच के दौरान पुलिस को एक संदिग्ध क्रिप्टोकरंसी वॉलेट का पता चला. पुलिस ने ओकेएक्स से संपर्क किया और पता चला कि वह वॉलेट एक चीनी नागरिक का है. क्रिप्टोक्यूरेंसी वॉलेट सॉफ़्टवेयर या हार्डवेयर है जो कई आकारों में आता है, जिससे उपयोगकर्ता क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर और या उसका उपयोग कर सकते हैं.

वापस मिली रकम

अधिकारी ने बताया कि शिकायत और पूछताछ के आधार पर काशीमीरा पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 34 (सामान्य मंशा) के तहत मामला दर्ज किया गया. साइबर सेल ने फिर अपराध के विवरण और अपनी जांच के साथ स्थानीय अदालत का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने अदालत को बताया कि पीड़ित का पैसा चीनी नागरिक के वॉलेट में था और जिन नंबरों से पीड़िता से संपर्क किया गया वे हांगकांग के थे.

साइबर सेल द्वारा की गई दलीलों को देखने के बाद, अदालत ने आदेश दिया कि क्रिप्टोकरंसी के रूप में 36 लाख रुपये शिकायतकर्ता को वापस कर दिए जाएं. इसके बाद राशि वसूल की गई और कुछ दिन पहले पीड़ित को वापस कर दी गई.


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