भारत में कोरोना की तीसरी लहर और उसमें बच्चों के ज्यादा बीमार पड़ने की आशंका के बीच अमेरिका में बच्चों को लग रही कोरोना वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवाल चिंता बढ़ा रहे हैं। ये सवाल बच्चों पर वैक्सीन के लंबे समय बाद असर से लेकर मौजूदा साइड इफेक्ट्स से जुड़े हैं। कई पेरेंट्स का सवाल है कि इस मुद्दे पर भरपूर जानकारी जमा होने तक बच्चों के वैक्सीनेशन को रोक क्यों नही दिया जाना चाहिए।
अमेरिका में 12 से 17 साल के बच्चों-टीनएजर्स के लिए फिलहाल फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को ही अनुमति दी गई है। जल्द ही दो और वैक्सीन को भी इजाजत मिल जाएगी।
अमेरिकी माता-पिता की ओर से उठ रहे ये सवाल हमारे लिए तीन वजहों से बेहद जरूरी हैं। पहली-कोरोना संक्रमितों के मामलों में अमेरिका अकेला देश है जो भारत से आगे है। दूसरी-अमेरिका में बहुत तेजी से बड़ों के साथ बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन लग रही है और तीसरी-अमेरिका में फिलहाल बच्चों को लग रही फाइजर की mRMA वैक्सीन जल्द ही भारत में भी बच्चों के लिए लाने की तैयारी है।
तो आइए जानते हैं बच्चों की वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवाल और उनके जवाब क्या हैं...
CDC का कहना है कि अकेले कोरोना वैक्सीन लगाने और दूसरी किसी वैक्सीन के साथ लगाने में होने वाले साइड इफेक्ट्स एक जैसे हैं। CDC का कहना है कि अगर एक ही विजिट में एक से ज्यादा वैक्सीन लगवानी है तो बच्चों के शरीर के अलग-अलग हिस्सों में वैक्सीन दी जा सकती हैं।
अमेरिका में बच्चों के डॉक्टरों के संगठन अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (AAP) ने CDC की इस सलाह का समर्थन किया। डॉक्टरों का कहना है कि इससे बच्चों के रूटीन इम्यूनाइजेशन पर असर नहीं पड़ेगा।