वायनाड यानी राहुल गांधी की नई अमेठी। राहुल 2019 के आम चुनाव में अमेठी से तो हार गए थे, लेकिन वायनाड से रिकॉर्ड 4 लाख वोटों से जीते थे। अब बारी विधानसभा चुनाव की है। केरल का यह सबसे कम 3 विधानसभा सीटों वाला जिला, कर्नाटक की सीमा से सटा हुआ एक पहाड़ी इलाका है। यहां करीब 20% आबादी आदिवासी वोटर्स की है। इसलिए यहां तीन में से दो सीटें मानंदवाणी और सुल्तान बथेरी एसटी के लिए आरक्षित हैं, जबकि एक मात्र कलपेट्टा सामान्य है।
वायनाड में राजनीतिक हलचलें तेज हैं। कई बड़े नेता आ-जा रहे हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कलपेट्टा में यूथ डायलॉग के जरिए कांग्रेस का चुनावी अभियान शुरू किया। यहां 20 से ज्यादा युवाओं ने उनसे करीब डेढ़ घंटे तक वायनाड से लेकर देश-दुनिया के तमाम सवाल पूछे।
इसी कार्यक्रम में कलपेट्टा के ही रहने वाले केएम रचित भी आए हैं। वे कहते हैं कि कांग्रेस के कई बड़े नेता यहां आ चुके हैं, लेकिन अभी तक हमारे सांसद राहुल गांधी का हमें इंतजार है। वह एक महीने पहले यहां ट्रैक्टर रैली करने आए थे, उसके बाद से नहीं आए हैं। हालांकि राहुल केरल में पिछले दो महीने से लगातार रैली और डायलॉग इवेंट कर रहे हैं।