RBI Monetary Policy की बैठक के बाद शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना संकट का असर अब इकोनॉमी में बहुत कम है. केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 9.2 रहने का अनुमान लगाया है, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी रहने का अनुमान है.
भारतीय अर्थव्यवस्था को तेज गति देने के लिए केंद्रीय बैंक ने मॉनिटरी पॉलिसी (RBI Monetary Policy) की बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने कहा कि केंद्रीय बैंक के लिए फिलहाल इकोनॉमी में तेजी पहली प्राथमिकता है.
- ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला
शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई चिंता का विषय नहीं है. इसलिए केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट (Repo Rate) और रिवर्स रेपो रेट (Reverse repo rate) में बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है.
दरअसल, RBI गवर्नर के सामने ग्रोथ और महंगाई दर में संतुलन बनाने की चुनौती थी. जिसके बाद मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने एकमत से रेपो रेट 4% पर बनाए रखने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि जहां तक सिस्टम में लिक्विडिटी नॉर्मलाजेशन का मसला है तो इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं. फिलहाल रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी है, जो आगे कायम रहेगा.
RBI Monetary Policy की बैठक के बाद शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना संकट का असर अब इकोनॉमी में बहुत कम है. केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 9.2 रहने का अनुमान लगाया है, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी रहने का अनुमान है.
- महंगाई काबू में
इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने कहा कि महंगाई को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इसलिए FY22 में महंगाई दर 5.3 फीसदी रहने का अनुमान है. केंद्रीय बैंक की मानें तो वित्त वर्ष 2022-23 की आखिरी तिमाही में 4 फीसदी महंगाई दर रहने का अनुमान है.
गौरतलब है कि कोरोना संकट को देखते हुए केंद्रीय बैंक ने लगातार 10वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. इससे पहले रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई 2020 को ब्याज दरों में बदलाव किया था. यानी करीब 20 महीने से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.