NASA Mega Moon Rocket: पिछले दो सप्ताह में नासा (NASA) अपने 'मेगा मून रॉकेट' के फ्यूल टेस्ट में तीन बार फेल हुआ है. इस रॉकेट को अब लॉन्चपैड से हटाया जा रहा है. जानिए आखिर क्यों इस विशालकाय रॉकेट के लॉन्च में देरी हो रही है.
नासा के 'मेगा मून रॉकेट' (Mega Moon rocket) को उसके लॉन्चपैड से हटाया जा रहा है. दो सप्ताह में तीन फ्यूल टेस्ट में फेल होने के बाद, अब इसे मरम्मत के लिए भेजा जा रहा है. नासा (NASA) का कहना है कि रॉकेट के लिए जून की लॉन्च विंडो मिलना एक चुनौती है.
फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में पैड 39B में लाए जाने के दो सप्ताह बाद तक स्पेस एजेंसी, रॉकेट पर स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) के रूप में कई प्रीलॉन्च टेस्ट कर रही है. नासा को उम्मीद थी कि 'वेट ड्रेस रिहर्सल'(Wet Dress Rehearsal) कहते हैं, उसे पूरा होने में 48 घंटे से भी कम समय लगेगा. लेकिन दो सप्ताह और तीन टेस्ट होने के बाद, एजेंसी ने 322 फीट लंबे (98 मीटर) रॉकेट को वापस उतारने का फैसला कर लिया.
आगामी अर्टेमिस-1 उड़ान के लिए दुनिया के सबसे शक्तिशाली रॉकेट को तैयार करने के लिए ये वेट ड्रेस रिहर्सल की जा रही थी. एजेंसी ने कहा है कि नासा ने रॉकेट में आई समस्याओं का पता कर लिया है, जैसे इसमें हीलियम चेक वॉल्व में समस्या थी. एक लिक्विड हाइड्रोजन सेक्शन में रिसाव था. इन समस्याओं में जल्दी सुधार लिया जाएगा.
वॉशिंगटन में नासा मुख्यालय में डिप्टी एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर टॉम व्हिटमेयर ने कहा, 'मेगा मून रॉकेट अब भी बहुत अच्छा कर रहा है. एक चेक वॉल्व की समस्या ही हमने अब तक देखी है. हमें रॉकेट पर गर्व है. लेकिन हमें इसपर अभी थोड़ा काम और करना है.'
नासा के इंजीनियर्स को उम्मीद है कि 26 अप्रैल तक रॉकेट को व्हीकल असेंबली बिल्डिंग के अंदर वापस ले आया जाएगा. यहां वे रॉकेट के हीलियम चेक वॉल्व को बदल देंगे. इस काम के मई तक खत्म होने की उम्मीद की जा रही है. इस मरम्मत से नासा के इंजीनियरों को असफल रहे वेट ड्रेस रिहर्सल के नतीजों की समीक्षा करने का समय भी मिल जाएगा.
इस देरी के बाद, यह स्पष्ट नहीं है कि अर्टेमिस-1 कब लॉन्च होगा. अगले वेट ड्रेस रिहर्सल के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन अगर मई में रॉकेट रिपेयर होगा तो संभव है कि लॉन्च का अगला मौका जून हो. माना जा रहा है कि रॉकेट के लिफ्टऑफ को अगस्त तक का समय लग सकता है. नाकामियों के बावजूद, नासा को भरोसा है कि 11 साल से ज़्यादा का समय और 30 अरब डॉलर की लागत वाला यह रॉकेट जल्द से जल्द तैयार हो जाएगा.