अमेरिका के सेंट लुईस में वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन ने कोविड-19 से रिकवर हो चुके मरीजों पर एक स्टडी की है। इसके आधार पर रिसर्चर्स ने दावा किया कि माइल्ड लक्षणों से रिकवर करने के कुछ महीनों बाद भी शरीर में इम्यून सेल्स वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बना रहे हैं। ये सेल्स जिंदगीभर शरीर में रहेंगे और इस दौरान कोविड-19 इन्फेक्शन के खिलाफ एंटीबॉडी बनाते रहेंगे। यानी ये सेल्स कोविड-19 इन्फेक्शन के खिलाफ पूरी जिंदगी प्रोटेक्शन देते रहेंगे।
यह स्टडी किसी खुशखबरी से कम नहीं है। खासकर, जब पूरी दुनिया यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन्फेक्शन या वैक्सीन से मिली एंटीबॉडी कितने दिन तक असर दिखाएगी। हमने इस स्टडी और इससे जुड़े मसलों पर देश के जाने-माने महामारी विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहारिया से बातचीत की। डॉ. लहारिया ने डॉ. गगनदीप कंग और डॉ. रणदीप गुलेरिया के साथ मिलकर कोविड-19 के खिलाफ भारत की रणनीति पर एक किताब लिखी है- ‘टिल वी विन’।