अपने कारोबार के बल पर धनकुबेर बन जाने वाला इत्र कारोबारी पीयूष जैन बेहद साधारण जीवन जीता था. उसके पड़ोसियों का कहना है कि वह बहुत ही साधारण तरीके से रहते थे. अभी भी वो स्कूटर चलाते हैं. साधारण कपड़ों के साथ हवाई चप्पल पहनकर फंक्शन में जाना उनके लिए आम बात है. उनका सीधा मकसद था 'ना किसी से दोस्ती थी ना किसी से दुश्मनी.'
कन्नौज में हमारी टीम ने पीयूष जैन के घर के आसपास रहने वाले उनके पड़ोसियों से बातचीत की तो ये हैरान करने वाला खुलासा हुआ. अरबों की संपत्ति का मालिक कितनी आम जिंदगी जी रहा था. पड़ोसियों से मिली जानकारी के अनुसार पीयूष जैन के दादा का नाम फूल चंद जैन था. उनका कपड़े की छपाई वगैरा का कारोबार था.
पीयूष जैन के दादा और पिता महेश चंद्र जैन पहले कपड़े पर छपाई का काम करते थे. पीयूष ने काम की शुरुआत मुंबई की किसी कंपनी में सेल्समैन के तौर पर की थी. लेकिन केमिस्ट्री के अच्छे जानकार होने के नाते उन्होंने साबुन और डिटर्जेंट आदि के कंपाउंड बनाने का काम शुरू कर दिया था. बाद में वो गुटखा और पान मसाला से कारोबार में आ गए.
बड़े होने पर पीयूष ने अपने पिताजी के कारोबार को आगे बढ़ाया और साबुन और डिटर्जेंट के कंपाउंड के कारोबार से आगे बढ़कर गुटखा और तंबाकू का कंपाउंड बनाना शुरू किया. फिर बड़ी कंपनियों को सेल करना शुरू किया और इसी तरह से वो धीरे-धीरे धन कुबेर बन गए. पीयूष जैन कन्नौज से कानपुर आकर व्यापार की वजह से ही बसे थे.
पड़ोसियों के मुताबिक पीयूष जैन और अंबरीश जैन दो भाई हैं. दोनों ने कानपुर यूनिवर्सिटी से केमिस्ट्री में एमएससी किया है. अंबरीष के तीन बच्चे हैं. पीयूष जैन के भी तीन बच्चे हैं. जिनमें एक लड़की है, जिसकी शादी हो चुकी है और वो पायलट रही है. दो बेटे हैं.
बताते चलें कि कारोबारी पीयूष जैन की दौलत के बारे में जानकर हर कोई हैरान है. किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक मामूली से दिखने वाले कारोबारी ने अरबों की दौलत जमा कर रखी थी. छापे के दौरान पीयूष जैन के कब्जे से 200 करोड़ कैश, 23 किलो सोना और 6 करोड़ की कीमत का चंदन तेल बरामद किया गया है.