चीन से लगातार मिल रही धमकियों के बीच, अमेरिकी ट्रम्प प्रशासन ने ताइवान को घातक हापून मिसाइलों के लिए 2.37 बिलियन डॉलर के सौदे को मंजूरी दी है। अमेरिकी हथियार निर्माताओं के खिलाफ चीन के प्रतिबंधों की घोषणा के तुरंत बाद ट्रम्प प्रशासन ने यह निर्णय लिया। चीन ने जिन अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें बोइंग वह है जो मिसाइल बनाती है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि इस बिक्री से क्षेत्र में सैन्य संतुलन नहीं बिगड़ेगा। अमेरिका की हार्पून मिसाइलें बेहद घातक मानी जाती हैं और जमीनी ठिकानों और युद्धपोतों को नष्ट करने में सक्षम हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान जारी कर कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ताइवान में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और उसका मानना है कि भारत-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता में ताइवान की सुरक्षा सर्वोपरि है।
डील में शामिल 400 हार्पून ब्लॉक -2 मिसाइलें
अमेरिका ताइवान को हार्पून की 100 प्रणाली प्रदान करेगा। सौदे में 400 हार्पून ब्लॉक -2 मिसाइल शामिल हैं। इस मिसाइल की रेंज लगभग 125 किमी है। यह मिसाइल जीपीएस से लैस है जिससे यह सटीक हमला करता है और 500 पाउंड बमों की बारिश करता है।
इसके साथ, तटीय रक्षा लक्ष्य, सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल लक्ष्य, बंदरगाह के जहाज और औद्योगिक लक्ष्य एक ही झटके में नष्ट हो सकते हैं।