अस्पताल में कुछ घंटों की ही ऑक्सीजन बची थी सप्लाई रुकी तो दिल्ली पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दो घंटे में पहुंचाए 58 सिलेंडर
दिल्ली और एनसीआर के अस्पताल ऑक्सीजन संकट से जूझ रहे हैं। दिल्ली सरकार से अस्पताल लगातार गुहार लगा रहे हैं। दिल्ली सरकार रोजाना एक रिलीज जारी करती है जहां हर अस्पताल में ऑक्सीजन की बची मात्रा का हिसाब होता है, लेकिन संकट जस का तस बना रहता है। अब अस्पताल प्रशासन दिल्ली पुलिस से मदद मांग रहे हैं। उधर, दिल्ली पुलिस भी अपनी पूरी ताकत महामारी से जूझ रहे मरीजों तक ऑक्सीजन पहुंचाने में झोंक रही है। दिल्ली के गोयल अस्पताल और खंडेलवाल अस्पताल में 24 अप्रैल को ऑक्सीजन पहुंचाने की कहानी किसी थ्रिलर मूवी से कम नहीं। इस फिल्म में रॉबिनहुड का किरदार निभाया दिल्ली पुलिस ने।
हास्पिटल में ऑक्सीजन खत्म हो रही थी, बस कुछ ही घंटे हमारे पास बचे थे। मेडिकल ऑक्सीजन लेने हमारी गाड़ी बदरपुर के एक ऑक्सीजन प्लांट में गई थी, लेकिन लंबी कतार की वजह से ऑक्सीजन मिल नहीं रही थी। हम दिल्ली सरकार को भी फोन कर रहे थे, लेकिन कुछ हो नहीं पा रहा था। हमने सोचा एक बार दिल्ली पुलिस की शरण लें, हमने करीब पौने पांच बजे कृष्णा नगर थाने में फोन किया। और महज डेढ़ घंटे के भीतर शाम करीब 7.30 बजे ऑक्सीजन के 58 सिलेंडर हमारे अस्पताल के गेट पर थे।' गोयल हॉस्पिटल की एचआर टीम के शिवा चक्रवर्ती ने दैनिक भास्कर को बताया अगर 30 मिनट तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचती तो 60 मरीजों की जान खतरे में आ जाती। पुलिस बिल्कुल ठीक समय पर मरीजों के लिए 'रक्षक' बनकर आई।