जब कोई बहुत बुरी मानसिक स्थिति से गुजरता है, तो वह पूरी तरह अवसाद में चला जाता है, इस अवसाद के कारण अधिकांश युवा आत्महत्या कर लेते हैं। जिसका उनके परिवार पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे) मनाया जाता है। यह लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाने और आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए मनाया जाता है।
आत्महत्या के बढ़ते मामलो को रोकने के लिए इसे 2003 में शुरु किया गया था। इसकी शुरुआत आईएएसपी (इंटरनेशनल असोसिएशन ऑफ सुसाइड प्रिवेंशन) द्वारा की गई थी। इस दिवस को स्वास्थ्य संगठन और मानसिक स्वास्थ्य फेडरेशन द्वारा को-स्पॉन्सर किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है। हर साल लगभग 8 लाख से ज्यादा लोग आत्महत्या कर लेते हैं। जबकि इससे भी अधिक संख्या में लोग आत्महत्या की कोशिश करते हैं। यह स्थिति बहुत डराने वाली है।