देश में कोरोना वैक्सीन को लेकर राहत की खबर आई है। जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में देश को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का पहला लॉट मिल सकता है। भारत में चार दवा कंपनियां अपने टीकों के क्लिनिकल ट्रायल के दूसरे या तीसरे चरण में हैं। टीके की खेप मिलने व टीकाकरण शुरू करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर सकते हैं।
बता दें कि देशभर में कोरोना के कुल मामले 90 लाख के पार चले गए हैं। अच्छी बात यह है कि इनमें से 85 लाख से ज्यादा मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। सक्रिय मामलों की बात करें तो देश में साढ़े चार लाख के करीब मरीजों का इलाज चल रहा है। देश में कोरोना वैक्सीन की लगाने की शुरुआत फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे डॉक्टर, नर्स, नगरपालिका के कार्यकर्ताओं से की जाएगी।
केंद्र सरकार सीरम इंस्टिट्यूट को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इमरजेंसी उपयोग को मंजूरी दे सकती है। इसे ब्रिटेन में मंजूरी मिलते ही भारत सरकार भी एसआईआई को मंजूरी दे देगी।
एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक, भारत सरकार बहुत ज्यादा मात्रा में वैक्सीन को खरीदेगी, ऐसे में सरकार की ओर से कीमत में समझौता किया गया है। दो शॉट वैक्सीन के लिए 500-600 रुपये देने होंगे।
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक वर्चुअल बैठक कर सकते हैं, इस बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री होंगे। बैठक में राज्यों में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। देश में वैक्सीन बनाने वाली चार कंपनियां क्लिनिकल परीक्षण के दूसरे या तीसरे चरण पर हैं, इसलिए बैठक में वैक्सीन वितरण को लेकर भी चर्चा हो सकती है। प्रधानमंत्री मंगलवार को लगातार दो बैठकें कर सकते हैं। पहली बैठक में उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों या फिर प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा, जहां मौजूदा समय में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले हैं।
देश में वैक्सीन टास्क फोर्स भी जल्द ही बैठक करेगी ताकि टीके की वैज्ञानिक स्थिति की समीक्षा की जा सके। यह तय करेगी कि भारत को आपातकालीन प्राधिकरण के बारे में सोचना चाहिए कि नहीं। पुणे की सीरम इंस्टिट्यूट, जो कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन बना रही है, भारत में आपातकालीन प्राधिकरण के लिए आवेदन करेगा। ब्रिटेन में मंजूरी मिलते ही सीरम इंस्टीट्यूट यह काम करेगा।