Chhath Puja 2020 Kharna : छठ पर्व का आज दूसरा दिन है। जिस तरह से छठ के पहले दिन नहाय-खाय का महत्व होता है। उसी तरह छठ के दूसरे दिन खरना का महत्व होता है। खरना कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर होता है। छठ पर्व में खरना के दिन व्रत किया जाता है और व्रती अपने कुल देवता और छठी माई की आराधना करते हैं। आइए जानते हैं छठ पर्व में खरना का महत्व और व्रत विधि।
क्या होता है खरना
खरना छठ पर्व के दूसरे दिन का अनुष्ठान है। खरना का आशय शुद्धिकरण से है। इस दिन व्रती शुद्ध तन-मन से अपने कुल देवी-देवता एवं छठी माई की पूजा करते हैं। खरना को लोहांडा भी कहा जाता है। खरना के दिन विशेष तरह का प्रसाद तैयार किया जाता है।
36 घंटों का किया जाता है निर्जला उपवास
खरना के प्रसाद में गन्ने का जूस या गुड़ के चावल अथवा गुड़ की खीर तैयार की जाती है। यह प्रसाद छठी माई और कुल देवता को अर्पित किया जाता है। इसके बाद प्रसाद को सभी लोगों में बांटा जाता है। वहीं इस प्रसाद को खाने के बाद व्रती को लगभग 36 घंटों का निर्जला उपवास करना होता है।
व्रत नियम