दिवाली महापर्व का शुभारंभ हो गया है। धनतेरस पांच दिवसीय दिवाली त्योहार के पहले दिन मनाया जाता है। दिवाली की शाम को मां लक्ष्मी और भवगान गणेश की पूजा होगी। धन, सुख और समृद्धि पाने के लिए दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं कि लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त कब है।
शुभ मुहूर्त-दीपावली,14 नवंबर 2020
व्यापारिक प्रतिष्ठान, शोरूम, दुकान, गद्दी की पूजा, कुर्सी की पूजा, गल्ले की पूजा, तुला पूजा, मशीन-कंप्यूटर, कलम-दवात आदि की पूजा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त अभिजित- दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से आरम्भ हो जाएगा। इसी के मध्य क्रमशः चर, लाभ और अमृत की चौघडियां भी विद्यमान रहेंगी जो शायं 04 बजकर 05 मिनट तक रहेंगी।
गृहस्थों के लिए श्रीमहालक्ष्मी की पूजा का सबसे अच्छा मुहूर्त और प्रदोषकाल
प्रदोषकाल की अवधि शाम 5:24 बजे से रात 8:06 बजे तक मान्य होगी। इसके मध्य में, रात्रि 7 बजकर 24 मिनट से, स्थिर आरोही वृष भी उदय हो रहा है जो सभी कार्यों में सफलता और शुभ फल देता है। प्रदोष काल के समय से लेकर रात के 7 बजकर 5 मिनट तक का लाभ भी मौजूद रहेगा। माँ श्रीमहालक्ष्मी और गणेश की पूजा करने के लिए भी यह सबसे अच्छा क्षण है। उसी समय परम शुभ नक्षत्र स्वाति भी मौजूद है जो रात 8 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। सभी गृहस्थों के लिए इस समय के मध्य में माँ श्रीमहालक्ष्मी जी की पूजा करना श्रेष्ठ रहेगा।
अतिशुभ मुहूर्त निशीथ काल
जप-तप पूजा-पाठ आराधना तथा विद्यार्थियों के लिए माँ श्री महासरस्वती की वंदना करने का समय रात्रि 8 बजकर 06 से 10 बजकर 49 तक रहेगा।
ईष्ट साधना तथा तांत्रिक पूजा के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त महानिशीथ काल
घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर करन वाली मां श्री महाकाली, प्रेत बाधा से मुक्ति दिलाने वाले भगवान श्रीकाल भैरव की पूजा, तांत्रिक जगत तथा ईस्ट साधना के लिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त महानिशीथ काल का आरंभ रात्रि 10 बजकर 49 मिनट से आरंभ होकर मध्य रात्रि पश्चात 1 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।