उम्मीद: ताज नगरी में जल्द छटेंगे संकट के बादल, फिर लौटेगी पर्यटन की बहार, स्मारक होंगे गुलजार

उम्मीद: ताज नगरी में जल्द छटेंगे संकट के बादल, फिर लौटेगी पर्यटन की बहार, स्मारक होंगे गुलजार

कोरोना काल में पांच महीने के लंबे इंतजार के बाद एक सितंबर से पर्यटक सिकंदरा, फतेहपुर सीकरी, एत्माउ्ददौला आदि स्मारकों में मास्क पहनकर घूम सकेंगे। प्रशासन ने इन सभी स्मारकों में बफर जोन समाप्त कर दिया है। यह स्मारक निर्धारित समय पर खोले और बंद किए जाएंगे। हालांकि ताजमहल और आगरा किला के दीदार को अभी इंतजार करना होगा। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि स्मारक खुलने से पर्यटन उद्योग पर छाए संकट के बादल छटेंगे। फिर पहले जैसी बहार आएगी। पर्यटकों से स्मारक गुलजार होंगे। 

आगरा में कोरोना वायरस का प्रभाव शुरू हुए पांच महीने से ज्यादा वक्त हो चुका है। यहां पहला मरीज तीन मार्च को मिला था। वायरस जूता कारोबारी के परिवार के साथ इटली से आया था। 24 मार्च को जब लॉकडाउन लगा, तब आगरा में आठ मरीज थे। कोरोना वायरस को देखते हुए 17 मार्च को ताजमहल समेत देश के सभी स्मारकों को बंद किया गया था, तब यह उम्मीद नहीं थी कि स्मारकों की यह बंदी रिकॉर्ड तोड़ देगी।

यह पहला मौका है, जब ताजमहल सहित आगरा के सभी स्मारक इतने लंबे समय से बंद हैं। इस बंदी से पर्यटन उद्योग से जुड़े चार लाख लोगों को रोजी-रोटी की चिंता सता रही है। हालांकि एक सितंबर से सिकंदरा, फतेहपुर सीकरी और अन्य छोटे स्मारकों को खोलने का एलान हो गया है, लेकिन ताजमहल और आगरा किला कब खुलेंगे, इसका अभी कुछ पता नहीं है। हालांकि लोगों को उम्मीद है कि ताज नगरी में जल्द ही संकट के बादल छटेंगे। 

पर्यटन उद्योग के लिए कोरोना काल के दिन बुरे सपने की तरह बीत रहे हैं। 17 मार्च से पहले सिर्फ शुक्रवार को छोड़कर ताजमहल पर्यटकों से गुलजार रहता था। रोज औसतन 18 हजार देशी-विदेशी पर्यटक ताज के दीदार को आते थे। वीकंड पर तो पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ती थी, लेकिन कोरोना के कारण यह तस्वीर अब सन्नाटे में तब्दील हो गई है।

ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी तीनों विश्वदाय स्मारकों में शुमार है। जो पर्यटक ताजमहल आते थे, वो बाकी स्मारकों पर भी जाते थे। लेकिन कोरोना के कारण यहां भी सन्नाटा है। हालांकि जिला प्रशासन ने बफर जोन खत्म करते हुए ताजमहल और आगरा किला छोड़कर अन्य स्मारकों को एक सितंबर से खोलने के निर्देश दे दिए हैं। इससे पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों में उम्मीद जगी है। 

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान ने बताया कि सबसे पहले ताजमहल खुलने के साथ सभी ट्रेनों और फ्लाइट को खोला जाना चाहिए था। क्योंकि यहां आने वाले ज्यादातर देशी पर्यटक ट्रेनों से ही आते हैं, लेकिन वर्तमान में ट्रेन सीमित चल रही हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि सरकार इस पर ध्यान देगी कि जब ताजमहल खुलेगा, तभी पर्यटन उद्योग पर संकट से उभर पाएगा। 

आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चैंबर के अध्यक्ष प्रह्लाद अग्रवाल ने कहा कि पांच महीने से ज्यादा वक्त से ताजमहल बंद है। पर्यटन से जुड़े छोटे कारीगर और कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट है। ताजमहल जल्द से जल्द खोला जाए, क्योंकि यदि यह अभी खुला तो भी अगले साल अक्तूबर से पहले हमारे ट्रेड पटरी पर नहीं आ सकेंगे। 


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