हथिया पुरवाई पावै, लौट चौमास लगावै'... मौसम के आदि वैज्ञानी रहे घाघ की यह लाइन आज भी अकाट्य है. हथिया नक्षत्र को पुरवा हवा का साथ मिल गया है. नतीजा है कि लौटता हुआ मॉनसून तबाही मचाने को आतुर है. नेपाल में हो रही बारिश के कारण गंडक नदी उफान पर है और गोपालगंज के 43 गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.
गोपालगंज. एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. नेपाल में हो रही बारिश की वजह से गंडक नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है. गोपालगंज के छह प्रखंडों में 43 गांवों में बाढ़ आने की आशंका है. गंडक नदी में उफान से पश्चिमी चंपारण, सारण और गोपालगंज के निचले क्षेत्रों में पानी फैलने का खतरा है. इस बीच गोपालगंज के डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने निचले इलाके में बसे लोगों के लिए अलर्ट जारी किया है. जल संसाधन विभाग और सभी प्रखंडों के सीओ को तटबंधों पर निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है.
अक्टूबर महीने में बाढ़ आने की आशंका को लेकर गोपालगंज के 43 गांव के लोग चिंता में डूबे हैं. पिछले 24 घंटे में बाल्मीकिनगर बराज में 30 हजार क्यूसेक से पानी डिस्चार्ज बढ़कर 3.69 लाख क्यूसेक पर शाम 7 बजे पहुंच गया. यह पानी शुक्रवार की दोपहर तक जिले में पहुंचने की संभावना है. वैसे गुरुवार की रात पतहरा में गंडक नदी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर पहुंच चुकी थी. जो गुरुवार को बढ़कर एक मीटर से भी ऊपर हो सकती है.
- गोपालगंज के निचले इलाके में बाढ़ आने की आशंका से सहमे लोग.
- 43 गांवों पर फिर मंडराया बाढ़ का खतरा, प्रशासन ने अलर्ट किया.
- हथिया नक्षत्र की बारिश से बाढ़ की तबाही का अंदेशा, लोग भयभीत.
गोपालगंज: एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. नेपाल में हो रही बारिश की वजह से गंडक नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है. गोपालगंज के छह प्रखंडों में 43 गांवों में बाढ़ आने की आशंका है. गंडक नदी में उफान से पश्चिमी चंपारण, सारण और गोपालगंज के निचले क्षेत्रों में पानी फैलने का खतरा है. इस बीच गोपालगंज के डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने निचले इलाके में बसे लोगों के लिए अलर्ट जारी किया है. जल संसाधन विभाग और सभी प्रखंडों के सीओ को तटबंधों पर निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है.
अक्टूबर महीने में बाढ़ आने की आशंका को लेकर गोपालगंज के 43 गांव के लोग चिंता में डूबे हैं. पिछले 24 घंटे में बाल्मीकिनगर बराज में 30 हजार क्यूसेक से पानी डिस्चार्ज बढ़कर 3.69 लाख क्यूसेक पर शाम 7 बजे पहुंच गया. यह पानी शुक्रवार की दोपहर तक जिले में पहुंचने की संभावना है. वैसे गुरुवार की रात पतहरा में गंडक नदी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर पहुंच चुकी थी. जो गुरुवार को बढ़कर एक मीटर से भी ऊपर हो सकती है.