धन की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए धनतेरस पर विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन बर्तन, सोने, चांदी खरीदने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है परंतु धनतेरस पर झाड़ू खरीदने का भी विशेष महत्व है.
सनातन धर्म में दिवाली का त्योहार सबसे बड़ा त्योहार मनाया जाता है. इस त्योहार की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है, जिसका समापन भाई दूज पर माना जाता है. पांच दिन तक चलने वाले इस पर्व की तैयारी लोग महीनों पहले से करने लगते हैं. धनतेरस पर देवता कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इस दिन देवता धन्वंतरि की भी पूजा की जाती है. धनतेरस पर सोने, चांदी और बर्तन खरीदने के अलावा झाड़ू खरीदने का अपना विशेष महत्व है.
-धनतेरस पर झाड़ू खरीदने का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन झाड़ू खरीदने से पुराने कर्जों से छुटकारा मिलता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ जाता है. इस दिन झाड़ू खरीदने से माता लक्ष्मी घर छोड़कर नहीं जाती हैं.
मत्स्य पुराण के अनुसार, धनतेरस के दिन जो भी वस्तु खरीदी जाती है, उसमें 13 गुना बढ़ोतरी हो जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, झाड़ू को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. धनतेरस पर झाड़ू खरीदने से घर में सुख-समृद्धि और धन में वृद्धि होती है. झाड़ू घर में पसरी दरिद्रता को दूर करती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ाती है. साफ-सफाई से धन की देवी लक्ष्मी आकर्षित होकर वहां वास करती है
- धनतेरस पर यह चीजें भी खरीद सकते हैं
धनतेरस पर बहुत से लोग सोने, चांदी के आभूषण और सिक्के खरीदते हैं. इसके अलावा इस दिन बर्तन और नए कपड़े खरीदने की भी परंपरा है. यदि आप नए वाहन खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो धनतेरस का दिन सर्वोत्तम माना गया है.