मकर संक्रांति पर खिचड़ी खानी क्यों जरूरी है? जानें शास्त्र के अनुसार चावल में उड़द दाल ही क्यों मिलाई जाती है

मकर संक्रांति पर खिचड़ी खानी क्यों जरूरी है? जानें शास्त्र के अनुसार चावल में उड़द दाल ही क्यों मिलाई जाती है

मकर संक्रांति पर सिर्फ उड़द दाल वाली खिचड़ी ही क्यों खाई जाती है। आइए जानते हैं चावल में उड़द दाल मिलाने का महत्व।

मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने का बड़ा महत्व  है। माना जाता है कि इस दिन खिचड़ी खाने से शरीर की कई समस्याएं दूर हो जाती हैं जो कि कि शनि, राहु और केतु जैसे ग्रहों से जुड़ी होती हैं। लेकिन, सोचने वाली बात यह है कि इस दिन खिचड़ी में सिर्फ उड़द दाल ही क्यों मिलाई जाती है। इसके पीछे क्या कारण है और शास्त्र इन्हें किन चीजों से जोड़ कर देखता है।

काली उड़द दाल  असल में शनि दोषों से जोड़ कर देखा गया है। वहीं, चावल को सूर्य से जोड़ कर देखा जाता है। शनि सूर्य पुत्र हैं और इन दोनों को मिलाना आपके जीवन में सूर्य और शनि का बैलेंस पैदा कर सकता है। इससे एक तरफ जहां सूर्यदेव खुश हो जाते हैं वहीं, शनि देव की भी कृपा प्राप्त होती है।

नवग्रहों का प्रसाद मानी जाती है ये खिचड़ी :

मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाना नवग्रहों से भी जुड़ा हुआ है। दरअसल, इस दिन खिचड़ी में प्रयोग किए जाने वाली चीजें चावल, उड़द, घी, हल्दी, पानी और नमक आदि अलग-अलग ग्रहों से जुड़ा हुआ है। इससे तमाम प्रकार के ग्रह दोषों से बचा जा सकता है।

 इसलिए जीवन में एक बैलेंस बनाने और मानसिक शारीरिक शांति के लिए खिचड़ी खाना फायदेमंद माना जाता है। तो, इस मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी के दिन जब शनिवार होगा तो,  इस दिन खिचड़ी खाना आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है।


  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 595K
    DEATHS:7,508
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 539K
    DEATHS: 6,830
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 496K
    DEATHS: 6,328
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 428K
    DEATHS: 5,615
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 394K
    DEATHS: 5,267
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED:322K
    DEATHS: 4,581
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 294K
    DEATHS: 4,473
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 239 K
    DEATHS: 4,262
  • COVID-19
     INDIA
    DETECTED: 44.85 M
    DEATHS: 531.23 K
  • COVID
     GLOBAL
    DETECTED: 686.0 M
    DEATHS: 6.84 M