Ganesh Chaturthi Shubh Yog : गणेश चतुर्थी पर इस बार करीब 10 साल बाद बेहद ही शुभ योग बना है। इससे पहले ऐसा शुभ संयोग वर्ष 2012 में बना था। इस संयोग में जो भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करता है उसकी मनोकामना जल्द पूरी होगी और बप्पा की विशेष कृपा भी आप पर रहेगी।
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साल बाद गणेश चतुर्थी पर बना ऐसा संयोग
गणेश पुराण में बताया गया है कि गणेशजी का जन्म भाद्र शुक्ल चतुर्थी के दिन दोपहर के समय हुआ था। जिस दिन गणेशजी का जन्म हुआ था उस दिन बुधवार था। अबकी बार भी कुछ ऐसा संयोग बना है कि भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि दोपहर के समय बुधवार को रहेगी। ऐसा संयोग इसलिए बना है क्योंकि चतुर्थी तिथि मंगलवार 30 अगस्त को दिन में 3 बजकर 34 मिनट से लग जा रही है और अगले दिन यानी 31 अगस्त को दिन में 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगी। 31 अगस्त को उदया कालीन चतुर्थी तिथि और मध्याह्न व्यापिनी चतुर्थी तिथि होने से इसी दिन विनायक चतुर्थी का व्रत पूजन सर्वमान्य होगा। धार्मिक दृष्टि से यह बहुत ही शुभ संयोग है। इस शुभ संयोग में गणेशजी की पूजा अर्चना करना भक्तों के लिए बेहद कल्याणकारी होगा।
गणेश चतुर्थी पर रवियोग का शुभ संयोग
गणेश चतुर्थी 31 अगस्त के दिन अबकी बार रवियोग भी उपस्थित रहेगा जैसा कि 10 साल पहले भी था। इसे योग को आप सोने पर सुहागा कह सकते हैं क्योंकि गणेशजी का आगमन तो यूं भी सभी विघ्नों को दूर करता है उस पर रवियोग का भी होना और भी शुभ है क्योंकि रवियोग को भी अशुभ योगों के प्रभाव को नष्ट करने वाला माना गया है।
गणेश चतुर्थी पर ग्रह गोचर का संयोग
अबकी बार गणेश चतुर्थी के दिन दोपहर तक चंद्रमा बुध की राशि कन्या में होंगे। शुक्र इसी दिन राशि बदलकर सिंह में आएंगे और सूर्य के साथ मिलेंगे। यानी इसी दिन शुक्र संक्रांति होगी। गुरु अपनी राशि मीन में होंगे। शनि अपनी राशि मकर में। सूर्य अपनी राशि सिंह में। बुध अपनी राशि कन्या में होंगे। यानी इस दिन चार ग्रह अपनी राशि में होंगे। ग्रह नक्षत्रों का यह संयोग भी भक्तों के लिए शुभ फलदायी रहेगा।